उत्तर प्रदेश

एक्यूआई नहीं हो रहा कम, ध्वनि प्रदूषण कर रहा सुनने की क्षमता कम

Admin4
10 Nov 2022 6:17 PM GMT
एक्यूआई नहीं हो रहा कम, ध्वनि प्रदूषण कर रहा सुनने की क्षमता कम
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मेरठ। दीपावली के अलावा आम दिनों में भी मेरठ में शोर ज्यादा है। पटाखों से ज्यादा होरन का शोर लोगों के कानों को रास नहीं आ रहा है। जिस, कारण लोगों में सुनने की क्षमता कम होती जा रही है। तेज आवाज के चलते ह्दय रोगियों के अलावा बच्चों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
वायु गुणवत्ता सूचकांक के अलावा मेरठ शहर में ध्वनि प्रदूषण की मात्रा भी लगातार बढ़ती जा रही है। पहले से ही लोग सांस, आंखों में जलन आदि बीमारियों का शिकार हो रहे है। परंतु, बढ़ते ध्वनि प्रदूषण के चलते अब लोगों के सुनने की क्षमता पर भी असर पड़ रहा है। यूं, तो दीपावली पर शहर में ध्वनि प्रदूषण की मात्रा अधिक रहती है। लेकिन, आम दिनों में भी ध्वनि प्रदूषण की मात्रा सामान्य से कहीं अधिक है।
इस बार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने देहात क्षेत्र के दौराला से भी ध्वनि प्रदूषण के आंकड़े लिए, जो सामान्य अधिक मिले। दीपावली व अन्य दिनों की बात करें तो ध्वनि प्रदूषण की मात्रा में कुछ ही अंतर है। इसका सबसे बड़ा कारण वाहनों में तेज आवाज में लगे होरन है। यदि, जल्द ही तेज होरन पर लगाम नहीं लगाई गई तो वायु गुणवत्ता सूचकांक के साथ ध्वनि प्रदूषण भी शहर के लोगों के लिए एक गंभीर समस्या के रूप में उभरेगा।
दीपावली पर ध्वनि प्रदूषण के आंकड़े
कैंट अस्पताल- 66.7
कलेक्ट्रेट- 69.3
रेलवे रोड- 78.7
बेगमपुल- 82.9
थापरनगर- 73.6
शास्त्रीनगर- 73.3
केंटोमेंट बोर्ड- 71.9
पल्लवपुरम- 78.6
दीपावली के बाद लिए गए आंकड़े
इलाका दिन रात
रेलवे रोड क्रॉसिंग- 80.3 77.4
थापरनगर- 72.6 55.9
रिठानी- 84.1 77.7
परतापुर- 82.7 76.4
आ‌बुलेन- 85.2 78.5
कैंट अस्पताल- 61.8 52.1
बेगमपुल- 84.7 79.6
जिलाधिकारी कार्यालय- 58.4 50.2
दौराला रेलवे क्रॉसिंग- 86.1 73.6
दौराला केमिकल प्लांट- 81.5 71.4
पल्लवपुरम- 68.7 60.3
जीएम मोदी अस्पताल- 71.9 67.5
नोट- सभी आंकड़े क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्त, मानक डेसीबल में
यह है मानक
इलाका- दिन रात
सें‌सेटिव- 50.00 40.00
रेसिडेंटल- 55.00 45.00
कॉमर्शियल- 65.00 55.00
औद्योगिक- 75.00 70.00
उपाय
- वाहनों में लगे तेज होरन पर लगानी होगी लगाम
-तेज आवाज में बजने वाले डीजों पर भी कसना होगा शिकंजा
-घरों में तेज आवाज में टीवी व होम थियेटर पर भी लगानी होगी रोक
-बुलेट में पटाखे जैसी आवाज पर लगानी होगी रोक
-साइलेंसर निकालकर बाइक चलाने वालों पर कसना होगा शिकंजा
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