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- म्यूटेशन शुल्क न देने...
गाजियाबाद न्यूज़: जीडीए में म्यूटेशन (भूखंड या मकान अपने नाम पर दर्ज कराना) कराने के लिए लोग आवेदन करते हैं, लेकिन शुल्क जमा नहीं करते हैं. अब ऐसे लोगों का आवेदन निरस्त कर किया जाएगा. इसके बाद उन्हें दोबारा आवेदन करना होगा.
जीडीए की योजना में भूखंड, मकान या फ्लैट खरीदने पर उसे प्राधिकरण के दस्तावेजों में अपने नाम पर दर्ज कराया जाता है. कई बार जिस व्यक्ति के नाम भूखंड, मकान या फ्लैट होता है और उसकी मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिजन प्राधिकरण के दस्तावेजों में उस संपत्ति को अपने नाम पर दर्ज कराते हैं. इसी पूरी प्रक्रिया को म्यूटेशन कहा जाता है. प्राधिकरण में हर महीने म्यूटेशन कराने के लिए 50 से अधिक आवेदन आते हैं. ऐसे में संपत्ति अनुभाग के बाबुओं के पास म्यूटेशन करवाने वालों के आवेदन का काफी दबाव रहता है. क्योंकि म्यूटेशन तय समय के भीतर करना होता है.
पिछले दिनों तय समय के भीतर म्यूटेशन नहीं होने की जीडीए उपाध्यक्ष को कई शिकायत मिलीं. इन शिकायतों के बाद उन्होंने संपत्ति अनुभाग से इसकी विस्तृत जानकारी मांगी तो पता चला कि कई लोगों ने म्यूटेशन का आवेदन कराने के बाद उसका शुल्क जमा नहीं कराया है. ऐसे में उनका म्यूटेशन नहीं हो सका है. अब इन्हीं लोगों को शुल्क जमा कराने के निर्देश दिए गए हैं. नहीं तो इनका आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा.