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इलाहाबाद: सचिवालय, राजस्व परिषद और उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) में अपर निजी सचिव (एपीएस) 2023 के 328 पदों पर भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन दोपहर बाद शुरू हो गए. दस साल बाद शुरू हुई एपीएस भर्ती के लिए 21 से 40 वर्ष के अभ्यर्थी 19 अक्तूबर तक आवेदन कर सकते हैं. संशोधित निजी सचिव सेवा नियमावली-2023 में समकक्ष अर्हता का विवाद दूर किया गया है. एपीएस के पद को समूह ‘ख’ राजपत्रित मानते हुए नीलिट से ट्रिपलसी कंप्यूटर प्रमाणपत्र की अनिवार्यता रखी गई है. इससे पहले आयोग ने 2013 में 176 पदों पर भर्ती शुरू की थी जो अब तक पूरी नहीं हो सकी है. एक सेमेस्टर में कम्प्यूटर पढ़ने वाले भी अर्ह
अभ्यर्थी के पास ट्रिपलसी प्रमाणपत्र या समकक्ष अर्ह होनी आवश्यक है. कार्मिक विभाग के पांच जुलाई 2018 के शासनादेश के अनुसार कम्प्यूटर में उच्च योग्यताधारी जैसे डिप्लोमा, डिग्री, पीजीडीसीए, बीसीए, एमसीए तथा ग्रेजुएशन अथवा उच्च डिग्री जैसे (बीए, बीएससी, बीटेक, एमएससी, एमबीए) में कम्प्यूटर एक विषय के रूप में अथवा एक सेमेस्टर में कम्प्यूटर कोर्स करने वाले अभ्यर्थियों को भी चयन के लिए अर्ह माना गया है.
शॉर्टहैंड में छूट का प्रावधान नहीं
जारी एपीएस के विज्ञापन में आशुलेखन (शॉर्टहैंड) में छूट का कोई प्रावधान नहीं है. 2013 के विज्ञापन में अधिकतम आठ अंक तक के छूट का प्रावधान था. इसके खिलाफ अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका कर दी थी और यही कारण है कि दस साल में भर्ती पूरी नहीं हो सकी है. नए विज्ञापन में विवाद से बचने के लिए शॉर्टहैंड में छूट का प्रावधान नहीं है.
विज्ञापन से निराश ओवरएज अभ्यर्थी कोर्ट जाएंगे
एक दशक से एपीएस भर्ती का विज्ञापन जारी न होने के कारण सैकड़ों अभ्यर्थी ओवरएज हो गए हैं. इन अभ्यर्थियों ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को ज्ञापन देकर 2023 की भर्ती में अवसर देने की मांग की थी. उन्हें उम्मीद थी की विज्ञापन में उनके लिए प्रावधान होगा. ऐसा न होने पर ओवरएज हो चुके अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया है. अभ्यर्थियों का कहना है कि आयोग को लगातार अधियाचन मिल रहा था. पूर्व में दो बार परीक्षा कार्यक्रम में एपीएस की तारीख देने के बावजूद परीक्षा नहीं कराई गई.