उत्तर प्रदेश

म्यूटेशन शुल्क जमा नहीं किया तो आवेदन रद्द

Harrison
2 Sep 2023 12:44 PM GMT
म्यूटेशन शुल्क जमा नहीं किया तो आवेदन रद्द
x
उत्तरप्रदेश | जीडीए में म्यूटेशन (भूखंड या मकान अपने नाम पर दर्ज कराना) कराने के लिए लोग आवेदन करते हैं, लेकिन उसका शुल्क जमा नहीं करते हैं. अब ऐसे लोगों का आवेदन निरस्त होगा. फिर इन्हें म्टूयेशन कराने के लिए दोबारा आवेदन करना होगा.
जीडीएम की योजना में भूखंड, मकान या फ्लैट खरीदने पर उसे प्राधिकरण के दस्तावेजों में अपने नाम पर दर्ज कराया जाता है. कई बार जिस व्यक्ति के नाम भूखंड, मकान या फ्लैट होता है, उसकी मृत्यु होने पर उसके परिजन प्राधिकरण के दस्तावेजों में उस संपत्ति को अपने नाम पर दर्ज कराते हैं. इसी पूरी प्रक्रिया को म्यूटेशन कहा जाता है. प्राधिकरण में हर महीने म्यूटेशन कराने के लिए 50 से अधिक आवेदन आते हैं. ऐसे में संपत्ति अनुभाग के बाबुओं के पास म्यूटेशन करवाने वालों के आवेदन का दबाव रहता है, क्योंकि यह म्यूटेशन तय समयावधि में करना होता है.
पिछले दिनों तय समय में म्यूटेशन न होने की जीडीए उपाध्यक्ष को कई शिकायतें मिलीं. इस पर उन्होंने संपत्ति अनुभाग से विस्तृत जानकारी मांगी तो पता चला कि कई लोगों ने म्यूटेशन के आवेदन कराने के बाद उसका शुल्क प्राधिकरण में जमा नहीं कराया है. ऐसे में उनका म्यूटेशन नहीं हो सका है. अब इन्हीं लोगों को शुल्क जमा कराने का नोटिस दिया जा रहा है. ताकि यह शुल्क जमा करा सके. इसके बाद भी शुल्क जमा नहीं किया तो इनका आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा.
60 दिन के भीतर करना होता है म्यूटेशन जीडीए में सभी कार्य करने की समय सीमा तय की गई है. ऐसे में म्यूटेशन आवेदन करने के बाद 60 दिन के भीतर हो जाना चाहिए. लेकिन कई बार बाबुओं की लापरवाही या अन्य कारणों से यह प्रक्रिया तय समयसीमा के भीतर नहीं हो पाती है.
यह है म्यूटेशन की प्रक्रिया
जीडीए योजना में भूखंड, मकान, फ्लैट खरीदने के बाद प्राधिकरण के दस्तावेजों में खरीदार का नाम दर्ज कराने के प्रक्रिया को म्यूटेशन कहते हैं. वहीं, प्राधिकऱण की योजना में जिस व्यक्ति के नाम पर भूखंड, मकान या फ्लैट है और उसकी मृत्यु हो गई हो, तो उसके परिजनों के नाम पर प्राधिकरण में नाम दर्ज कराने होता है. इन दोनों प्रक्रिया को म्यूटेशन कहा जाता है.
जिन लोगों ने म्यूटेशन का आवेदन किया है और शुल्क जमा नहीं कराया है, उन्हें शुल्क जमा करने का नोटिस दिया जा रहा है. इसके बाद भी शुल्क जमा नहीं करने पर आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा.
-सीपी त्रिपाठी, अपर सचिव, जीडीए
Next Story