उत्तर प्रदेश

शहर में स्ट्रीट लाइटें लगाने के अलावा रखरखाव करने वाली कंपनी ईईएसएल ने 40,880 बिजली के खंभों पर लाइटें लगाने का किया दावा

Ritisha Jaiswal
22 Aug 2022 10:12 AM GMT
शहर में स्ट्रीट लाइटें लगाने के अलावा रखरखाव करने वाली कंपनी ईईएसएल ने 40,880 बिजली के खंभों पर लाइटें लगाने का किया  दावा
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नगर निगम क्षेत्र में स्ट्रीट लाइटों की संख्या में बड़ा घालमेल है। शहर में स्ट्रीट लाइटें लगाने के अलावा रखरखाव करने वाली कंपनी ईईएसएल ने 40,880 बिजली के खंभों पर लाइटें लगाने का दावा किया है

नगर निगम क्षेत्र में स्ट्रीट लाइटों की संख्या में बड़ा घालमेल है। शहर में स्ट्रीट लाइटें लगाने के अलावा रखरखाव करने वाली कंपनी ईईएसएल ने 40,880 बिजली के खंभों पर लाइटें लगाने का दावा किया है, लेकिन नगर निगम के सर्वे में मात्र 34,724 लाइटें मिलीं हैं। इसी आधार पर कंपनी हरेक महीने लाखों रुपये बिल नगर निगम से वसूलती है।

वहीं, कंपनी ने सर्वे में लाइटों की संख्या कम होने के बावजूद बिजली के बिल में बढ़ोतरी कर दी है। ऐसे में नगर निगम प्रशासन नगर निगम, बिजली निगम और ईईएसएल के कर्मचारियों की संयुक्त टीम से शहर में लगी लाइटों की गणना कराने जा रहा है।
शासन से करार के बाद ईईएसएल कंपनी ने शहर में स्ट्रीट लाइटें लगाईं हैं। सात साल तक इन लाइटों के रखरखाव की जिम्मेदारी कंपनी के पास है। इसी क्रम में कंपनी मेंटेनेंस के मद में नगर निगम से हरेक महीने लाखों रुपये लेती है। मार्च तक जहां कंपनी हरेक महीने तकरीबन 16 लाख रुपये लेती थी, वहीं अप्रैल में यह राशि बढ़कर 23 लाख रुपये तक पहुंच गई।ऐसे में नगर आयुक्त ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। साथ ही निर्देश दिया है कि राशि का भुगतान मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के संज्ञान में लाने के बाद ही भुगतान किया जाएगा।
नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने कहा कि शहर की स्ट्रीट लाइटों की संख्या का सर्वे नगर निगम, बिजली निगम और ईईएसएल के कर्मचारियों की संयुक्त टीम द्वारा किया जाएगा। इसके बाद मामला मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के संज्ञान में लाया जाएगा। फिर भुगतान होगा।
बंद हैं शहर की 4,000 से ज्यादा लाइटें
गोरखपुर शहर में करीब 35 हजार स्ट्रीट लाइटें लगी हैं। इनमें से 4,000 से अधिक बंद हैं। इनका मेंटेनेंस करने वाली कंपनी के कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से 15 दिन से मरम्मत कार्य ठप है।
माधोपुर वार्ड में कई प्रमुख मार्गों पर स्ट्रीट लाइटें बंद हैं। वार्ड में बसियाडीह मंदिर रोड के साथ ही पूर्व चेयरमैन लक्ष्मीशंकर खरे के आवास के आसपास करीब 30 स्ट्रीट लाइटें बंद हैं। इसी तरह वीआईपी वार्ड बेतियाहाता में 40 से अधिक प्वाइंट पर स्ट्रीट लाइटें काम नहीं करतीं।
पार्षद विश्वजीत त्रिपाठी ने बताया कि दक्षिणी बेतियाहाता, डॉ. विजय लक्ष्मी श्रीवास्तव गली, मजार गली, जहाज गली समेत कई अन्य स्थानों पर 40 से अधिक स्ट्रीट लाइटें बंद होने से खतरा बना रहता है। उपसभापति ऋषि मोहन वर्मा के वार्ड जनप्रिय विहार में भी सात प्वाइंट बंद हैं।कसाई बाड़ा और दिग्विजयनगर में स्ट्रीट लाइटें नहीं होने से पूरे इलाके में शाम होते ही अंधेरा छा जाता है। शक्तिनगर वार्ड में तो 900 स्ट्रीट लाइटों में से 500 से अधिक बंद हैं।
उपनगर आयुक्त संजय शुक्ला ने कहा कि स्ट्रीट लाइट जलें, इसे लेकर नगर निगम अपनी व्यवस्था तो कर ही रहा है, साथ ही ईईएसएल कंपनी से भी सार्थक वार्ता शनिवार को हुई है। एक दो दिन में बंद स्ट्रीट लाइटें चालू हो जाएंगी। पहले शिकायतों को दूर किया जाएगा। इसके बाद पुराने शेड्यूल पर स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत होगी।


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