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बीजेपी जिलाध्यक्ष के घर से ही निकले पार्टी विरोधी स्वर
मुजफ्फरनगर: भारतीय जनता पार्टी द्वारा मुजफ्फरनगर नगर पालिका के लिए घोषित पार्टी प्रत्याशी मीनाक्षी स्वरूप ने आज अपने समर्थकों के साथ नामांकन दाखिल कर दिया है और अपना चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है, वहीं पार्टी में उनका विरोध मुखर होना शुरू हो गया है,उनके समर्थन में उनके परिवार के सैकड़ों समर्थकों के आज भाजपा में शामिल होने का भी पार्टी में विरोध हो रहा है। भाजपाई अपने दफ्तर पर सपा का कब्ज़ा देखकर अपनी पार्टी को ही ‘भारतीय समाजवादी पार्टी’ कहने लगे है। स्थानीय स्तर पर विरोध इतना बढ़ रहा है कि खुद प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को मुजफ्फरनगर आना पड़ा है और वह पार्टी कार्यकर्ताओं को समझा-बुझाकर शांत करने की कोशिश कर रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी में जिला अध्यक्ष विजय शुक्ला समेत 2 दर्जन से अधिक नेता और कार्यकर्ता मुजफ्फरनगर नगर पालिका परिषद के लिए पार्टी सिंबल चाहते थे, सभी ने अपने आवेदन भी पार्टी को दे रखे थे, इन्हीं आवेदनों में समाजवादी पार्टी से पिछले विधानसभा चुनाव में टिकट ना मिलने पर, भाजपा में आए गौरव स्वरूप भी शामिल थे। गत दिवस पार्टी ने जो सूची जारी की उसमें गौरव स्वरुप की पत्नी मीनाक्षी स्वरुप को अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दिया, जिन्होंने आज अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया है। मीनाक्षी स्वरूप को पार्टी प्रत्याशी बनाए जाने का पार्टी में मुखर विरोध शुरू हो गया है और इस बार भी विरोध की शुरुआत पार्टी के जिला अध्यक्ष विजय शुक्ला के घर से ही हुई है।
2017 में भी भारतीय जनता पार्टी ने बहुजन समाज पार्टी से आए अरविंद राज शर्मा की पत्नी सुधा राज शर्मा को पार्टी प्रत्याशी बना दिया था, पार्टी की इस घोषणा का उस समय भी विरोध हुआ था और वर्तमान जिला अध्यक्ष विजय शुक्ला समेत इस बार टिकट चाहने वाले ज्यादातर भाजपा नेता और कार्यकर्ता उस समय विरोध में उतर आए थे और शिवमूर्ति पर धरना देकर बैठ गए थे।
इस बार भी सपा से आए गौरव स्वरुप की पत्नी को पार्टी प्रत्याशी बनाए जाते ही विरोध शुरू हो गया, जिनके विरोध में पहले तो केवल पंजाबी समाज के नेता कुश पुरी ने ही मुखर होकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया था लेकिन कोई और बड़ा नेता अभी तक खुलकर सामने नहीं आया था। आज भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष विजय शुक्ला के परिवार से ही विरोध के स्वर मुखर हुए हैं। विजय शुक्ला के छोटे भाई योगी शुक्ला ने सोशल मीडिया पर पार्टी के इस फैसले का विरोध करते हुए तीखी टिप्पणी की है।