उत्तर प्रदेश

मानव तस्करी रोधी इकाई ने नेपाल और बिहार से तस्करी कर लाए जा रहे बच्चों को कराया रिहा

Bhumika Sahu
23 Aug 2022 4:46 AM GMT
मानव तस्करी रोधी इकाई ने नेपाल और बिहार से तस्करी कर लाए जा रहे बच्चों को कराया रिहा
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बच्चों को कराया रिहा

लखनऊ. नेपाल और बिहार से अक्र किशोरों को दिल्ली लाकर या तो बालश्रम कराया जाता है या फिर उन्हें बेच दिया जाता है. सोमवार को नेपाल और बिहार से 11 किशोरों को दिल्ली ले जा रहे मानव तस्कर गिरोह का एंटी ह्यूमैन ट्रैफिकिंग यूनिट, चाइल्ड लाइन व चिनहट पुलिस ने खुलासा किया. पुलिस ने बताया कि इन्हें दिल्ली के होटलों में काम कराने के लिए बेचने की तैयारी थी. टीम ने सोमवार को चिनहट के ढाबे के पास से छह तस्करों को पकड़कर किशोरों को छुड़वाया. इन्हें चाइल्ड लाइन को सुपुर्द कर दिया.

सोमवार यानी 22 अगस्त 2022 को नेपाल और बिहार से 11 किशोरों को दिल्ली ले जा रहे मानव तस्कर गिरोह का एंटी ह्यूमैन ट्रैफिकिंग यूनिट, चाइल्ड लाइन व चिनहट पुलिस ने खुलासा किया. प्रभारी निरीक्षक चिनहट तेज बहादुर सिंह ने बताया कि तस्करी की सूचना मिलने पर एंटी ह्यूमैन ट्रैफिकिंग यूनिट व चाइल्ड लाइन की टीम ने पुलिस से संपर्क किया. इसके बाद दोपहर करीब 12 बजे ढाबा एनएच-.27 के पास घेराबंदी की गई. इसी बीच वहां पहुंची मोतीहारी से दिल्ली जा रही निजी बस की तलाशी में 10 से 12 वर्ष की उम्र के 11 किशोर मिले. मौके से मोतीहारी के पंडितपुर का सलाउद्दीन अंसारी, जाम खड़वा का अबू लैश, नेपाल के पिपरा भगवानपुर का महताब, मड़िया का अशरफ अंसारी, जमालपुर मटिया का जमील अख्तर और बहरिया का इरशाद आलम पकड़ा गया. इन सभी को जेल भेज दिया गया.
परिजनों को दिया था मोटी कमाई का लालच
पुलिस ने जब आरोपियों से सख्ती से बात की तो आरोपियों ने बताया कि वे झोपड़ पट्टी में रहने वालों को उनके बच्चों की शहर में मोटी कमाई करवाने का लालच देते हैं. इसके बाद किशोरों को दिल्ली में होटल, ढाबा मालिकों के पास छह से 10 महीने बंधक रखकर मोटी रकम वसूलते हैं. इसके बाद बच्चों के परिवारीजन को तय रकम दे देते थे.
फोन पर ही तैयार की बच्चों को छुड़ाने की योजना
चाइल्ड लाइन की डायरेक्टर डांक्टर संगीता शर्मा ने बताया कि एसएसबी की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के प्रभारी मनोज कुमार शर्मा बेतिया बिहार में तैनात हैं. वे इन दिनों छुट्टी पर लखनऊ आए हुए हैं. उनकी ओर से चाइल्ड लाइन लखनऊ को रविवार की रात फोन आया कि मोतीहारी बिहार के 10-12 बच्चे बस से नई दिल्ली ले जाए जा रहे हैं. चाइल्डलाइन लखनऊ ने इसकी सूचना एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट लखनऊ के प्रभारी अजय प्रकाश मिश्रा को सूचना दी गई. कॉन्फ्रेंस कॉल के जरिए बच्चों को छुड़ाने का प्लान फोन पर ही तैयार किया गया. डॉक्टर संगीता शर्मा ने बताया कि इस दौरान हमें बस की लाइव लोकेशन मिल गई थी. टीम करीब 12 बजे चिनहट थाना पहुंच गई थी, जहां से स्थानीय पुलिस का सहयोग मिला. बस को चिनहट चौराहे के पहले ढाबे के पास ही रोक लिया गया. तलाशी में 11 बच्चे मिले. सभी को बस से उतारकर पूछताछ की गई तो पता चला कि उनके साथ मौजूद व्यक्तियों को वे जानते ही नहीं. पड़ताल में सामने आया कि 11 में से 7 बच्चे नेपाल से. चार संदिग्ध व्यक्तियों में से दो नेपाल के थे, दो बिहार से थे.
बच्चांं को रेस्क्यू करने वाली टीम में ये रहे शामिल
मनोज कुमार शर्मा, अजय प्रकाश मिश्रा, डॉक्टर संगीता शर्मा, कांस्टेबल कृष्ण सिंह, योगेंद्र पाल यादव, विवेक शर्मा, कृष्ण प्रताप, शिवम वर्मा, ब्रजेश सिंह यादव शामिल रहे.


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