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अलीगढ़: एंटी करप्शन थाना पुलिस ने गांधीपार्क थाने के दारोगा रामबिरेश यादव को रंगेहाथ 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था. मामले में दो दिन बाद टीम अब उसके घर पहुंची है. बता दें कि उक्त दरोगा को निलंबित कर जेल भेजा जा चुका है.
भोपतपुर गडराना निवासी विक्रम सिंह उर्फ विकास ने मुकदमा दर्ज कराया था. इसमें कहा था कि वह कमालपुर चौराहा स्थित न्यू गुरु गोरखनाथ अस्पताल का संचालक है. उसने गांधीपार्क क्षेत्र के एक युवक के भाई दो लाख 20 हजार रुपये दिए थे. युवक ने रुपये लौटाने का वादा किया था. 13 जून को अस्पताल में रामायण पाठ के समापन के बाद प्रसाद बंट रहा था. इसमें मौजूद युवक व उसके भाई ने मारपीट करते हुए अस्पताल के शीशे तोड़ डाले थे. साथ ही अस्पताल खाली कराने की धमकी दी थी. इसी बीच उसके गले की चेन व अंगूठी गिर गई थी. पुलिस ने अमानत में खयानत, मारपीट, धमकी देने आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था7 इसकी विवेचना दारोगा रामबिरेश यादव कर रहे थे. आरोप था कि रामबिरेश ने अमानत में खयानत की धारा हटाने के लिए युवक से 10 हजार रुपये लिए थे. युवक की शिकायत पर एंटी करप्शन थाना पुलिस ने उस समय दारोगा को सांगवान सिटी से गिरफ्तार कर किया था.
पुलिस के उच्चाधिकारियो ने दरोगा को निलंबित कर जेल भेज दिया था. उधर, एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई जारी है. टीम निलंबित दरोगा के घर पहुंची. उसके घर पर बारीकी से जांच पडताल की. टीम ने सांक्ष्य संकलन का कार्य तेजी से शुरू कर दिया है. टीम इंस्पेक्टर देवेंद्र सिंह की अगुवाई में पहुंची थी. ताकि आरोपी के घर से आय से अधिक नकदी, जेवरात अथवा आरोप से जुड़ा माल मिल जाए.