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मथुरा: शहर में बिना पार्किंग के 108 अवैध बिल्डिंग बनवाने के मामले में एलडीए उपाध्यक्ष ने कार्रवाई का फैसला किया है. मामले में उन्होंने एलडीए के दो जोनल अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है.
जोन चार, पांच के जोनल अधिकारी राज कुमार और रविनन्दन सिंह से एलडीए वीसी ने स्पष्टीकरण मांगा है. इसके अलावा इन दोनों जोनों में बिना पार्किंग अवैध बिल्डिंग बनवाने वाले इंजीनियरों के नाम भी मांगे गए हैं. दोनों जोनों के आठ सहायक और अवर अभियन्ता कार्रवाई की जद में आ रहे हैं. एलडीए उपाध्यक्ष डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी के निर्देश पर अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने जोन चार व पांच में अवैध बिल्डिंग की जांच की थी. इस दौरान अपर सचिव को महानगर, निरालानगर, अलीगंज, जानकीपुरम, जानकीपुरम विस्तार, सीतापुर रोड से लेकर बीकेटी तक तमाम जगहों पर बड़े पैमाने पर अवैध बिल्डिंग बनती मिली थीं. 108 बिल्डिंग में तो पार्किंग ही नहीं थी.
आवासीय में काम्प्लेक्स बन रहा था. अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने वीसी डॉ इन्द्रमणि त्रिपाठी को अपनी रिपोर्ट भेजी थी. उनकी रिपोर्ट मिलने के बाद अब उपाध्यक्ष ने दोनों जोन के जोनल अधिकारियों राज कुमार तथा रविनन्दन सिंह ने स्पष्टीकरण मांगा है. अपर सचिव ने बताया कि कौन-कौन इंजीनियर इन दोनों जोनों में तैनात हैं. इसकी रिपोर्ट मांगी गयी है.
छह इंजीनियरों की कमेटी: कमिश्नर डॉ. रोशन जैकब के साथ बैठक के बाद एलडीए वीसी ने इसका प्रस्ताव मंजूर किया है. छह इंजीनियरों की कमेटी बन गई है. इसमें अधिशासी अभियंता नवनीत शर्मा,सहायक अभियंता केपी गुप्ता, प्रवीण कुमार, अवर अभियन्ता रामभूल, सरोज, आशीष श्रीवास्तव हैं.
63 विभागों के एक कार्यालय भवन को मंजूरी: 63 विभागों के मण्डलीय कार्यालयों को एक छत के नीचे लाने की मंजूरी मिल गयी. एलडीए वीसी ने इसके निर्माण की मंजूरी देने के साथ डीपीआर तैयार करने के लिए छह इंजीनियरों की कमेटी बना दी गयी है. इन 63 विभागों के लिए अकेले एक 18 मंजिला खूबसूरत व अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित बिल्डिंग बनेगी. इस कार्यालय में मण्डल स्तर के सभी कर्मचारी अधिकारी बैठेंगे. शासन ने इसके शुरुआती कामों के लिए 10 करोड़ रुपए जारी कर दिया है. बिल्डिंग के निर्माण पर लगभग 400 करोड़ रुपए खर्च होगा.