उत्तर प्रदेश

कूटरचित दस्तावेज पर एक और फर्जी रजिस्ट्री

Admindelhi1
20 Feb 2024 5:07 AM GMT
कूटरचित दस्तावेज पर एक और फर्जी रजिस्ट्री
x
फर्जी रजिस्ट्री

गोरखपुर: लोन के लिए जालसाजी का रुद्रांश ने जिस तरह से जाल बुना, वह बैंकों के लिए अलर्ट करने वाली घटना है. उसने कूटरचित पेपर तैयार कर उसी पर 2.45 करोड़ का लोन अपने नौकर के नाम से ले लिया था. जांच का दायरा बढ़ने के साथ ही उसकी जालसाजी को समझकर बैंकों ने अब अपना माथा पकड़ लिया है. उधर, जिस जमीन पर लोन लिया गया है उसके असली मालिक ने अज्ञात लोगों पर फर्जी तरीके से अपना नाम इस्तेमाल कर अष्टभुजा नामक व्यक्ति को दानपत्र देने के मामले में केस दर्ज कराया है. अष्टभुजा, रुद्रांश के पिता का नाम है. इससे पहले शशिभूषण ने रुद्रांश और उसके अज्ञात साथियों पर केस दर्ज कराया था.

गोरखनाथ थाना क्षेत्र के राजेन्द्र नगर कॉलोनी निवासी शशिभूषण ने चिलुआताल पुलिस को तहरीर देकर बताया है कि उनकी जमीन जंगल नकहा नंबर एक में खाता संख्या 067 के आराजी संख्या 348 थी. उन्होंने अपनी जमीन को प्लाटिग करके पूर्व में ही बेच दिया है. इस बीच कुछ लोगों से पता चला कि किसी फर्जी व्यक्ति ने

उनके नाम का प्रयोग करते हुए उक्त आराजी को किसी अष्टभुजा पुत्र रामसरन निवासी बस्ती खास, श्रीराम कॉलोनी निकट कैली हास्पिटल जिला बस्ती के नाम पंजीकृत दान कर दिया है. यह दानपत्र 24 सितम्बर 2022 को दर्ज कराया गया है. शशिभूषण ने बताया कि यह पूरी तरह से फर्जी है. उन्होंने आराजी संख्या 348 को दान किया ही नहीं है. फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उनके साथ धोखाधड़ी की गई है. चिलुआताल पुलिस ने कूटरचित दस्तावेजों से जालसाजी करने के मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

पांच को भी कराया था केस शशिभूषण ने पांच को रुद्रांश पुत्र राजेश पांडेय निवासी फ्लैट नंबर-405 ग्रीन वैली अपार्टमेंट, थाना गोरखनाथ, जिला गोरखपुर व अन्य अज्ञात ने खिलाफ फर्जी तरीके से धोखाधड़ी करके उनकी जमीन के स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति को खड़ा करके फर्जी ढंग से किसी और को बैनामा करने के मामले में केस कराया था.

Next Story