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उत्तर प्रदेश
45 रुपये चुराने के मामले में एक बुजुर्ग ने लड़ा 24 साल तक मुकदमा, 4 दिन की हुई सजा
Shantanu Roy
4 Oct 2022 12:04 PM GMT
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बड़ी खबर
इटावा। उत्तर प्रदेश के इटावा से एक ऐसा मामला सामने आया है। जिसे जानने के बाद आप भी हैरान हो जाएंगे। दरअसल, इटावा के ही रहने वाले एक बुजुर्ग ने 45 रुपये चुराने के मामले में 24 साल तक मुकदमा लड़ा। जिस पर सुनवाई हो गई है और इस मामले में बुजुर्ग को 4 दिन की सजा सुनाई गई है। उन्हें मिली सजा के चलते चार दिन तक उन्हें जेल में रहना पड़ेगा। सजा पूरी होने के बाद उन्हें रिहा कर दिया जाएगा। बता दें कि यह मामला इटावा के मोहल्ला भूरा का है। यहां पर रहने वाले एक व्यक्ति मन्नान के खिलाफ 17 अप्रैल 1998 को वीरेंद्र बाथम निवासी मोहल्ला छपट्टी थाना कोतवाली ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में मन्नान पर पुरानी तहसील के पास लैनगंज में वीरेंद्र की जेब से 45 रुपये चुराने की बात कही गई थी। मामला दर्ज करने के बाद पुलिस ने मन्नान के पास से चोरी के 45 रुपये बरामद किए। 18 अप्रैल को पुलिस ने मन्नान को जेल भेज दिया। जेल में दो महीने 21 दिन तक रहने के बाद मन्नान की जिला जज की अदालत से जमानत मंजूर हो गई। पुलिस ने जांच करने के बाद मन्नान के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में भेज दी। चोरी के मुकदमे की सुनवाई सीजेएम कोर्ट में हुई।
सीजेएम कोर्ट ने मन्नान को भेजे वारंट
सुनवाई के बाद सीजेएम कोर्ट से मन्नान के पहले सम्मन बाद में वारंट भेजे गए। जानकारी नहीं होने के चलते मन्नान कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ। उसके कुर्की और गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए। लेकिन सीजेएम कोर्ट द्वारा जारी किए गए सम्मन पर मन्नान पर तामील ही नहीं हुए। जिससे उसको मुकदमे की स्थिति की जानकारी नहीं हो सकी। पुलिस मन्नान को कोतवाली मैनपुरी क्षेत्र में तलाश करती रही। कोतवाली पुलिस द्वारा कोर्ट में दी गई रिपोर्ट में कहा कि कोतवाली क्षेत्र में भूरा नाम का कोई मोहल्ला ही नहीं है। जिससे मन्नान की जानकारी नहीं हो रही है।
सीजेएम कोर्ट ने सुनाई मन्नान को 4 दिन की सजा
इसके बाद जब इस बात की जानकारी मन्नान को हुई तो वह कोर्ट में पहुंचा। उसने अपने अधिवक्ता बीएच हाशमी के माध्यम से वारंट वापस लेने का प्रार्थना पत्र 27 सितंबर को दिया। एडवोकेट बीएच हाशमी ने बताया कि इटावा के रहने वाले मन्नान को मुकदमे के संबंध में लंबे समय तक सूचना नहीं मिली। जिससे वह कोर्ट में हाजिर नहीं हो सका। इसके बाद 28 सितंबर को मन्नान ने अपना अपराध स्वीकार करने का प्रार्थना पत्र कोर्ट में दिया। सीजेएम ने उसको चार दिन की सजा सुनाकर जेल भेज दिया। चार दिन की सजा पूरी होने पर उसको जेल से रिहा कर दिया जाएगा।
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