- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- निक्षय दिवस पर टीबी के...
उत्तर प्रदेश
निक्षय दिवस पर टीबी के साथ कालाजार, कुष्ठ व फाइलेरियारोगियों की भी होगी पहचान
Shantanu Roy
14 Jan 2023 11:31 AM GMT

x
बड़ी खबर
संत कबीर नगर। प्रदेश को क्षयमुक्त बनाने के उददेश्य से हर माह की 15 तारीख को आयोजित होने वाले निक्षय दिवस पर अब टीबी के साथ ही कुष्ठ ,कालाजार व फाइलेरिया रोगियों की भी स्क्रीनिंग की जाएगी। अब इसको निक्षय दिवस नहीं बल्कि एकीकृत निक्षय दिवस के रुप में मनाया जाएगा।15 जनवरी को अवकाश के चलते जिले में पहला एकीकृत निक्षय दिवस16 जनवरी को मनाया जाएगा। यह जिले की समस्त जिला, सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य इकाइयों के साथ ही आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर आयोजित किया जाएगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अनिरुद्ध कुमार सिंह ने बताया कि राज्य स्तर पर कालाजार को इस वर्ष के अंत तक तथा फाइलेरिया को वर्ष2030 तक समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं देश से टीबी को समाप्त करने का लक्ष्य वर्ष 2025 तक रखा गया है। कुष्ठ रोग को जिला स्तर पर आगामी 2030 तक समाप्त करने का लक्ष्य है। इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए शासन के दिशा-निर्देश पर जनपद के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, सीएचसी, पीएचसी, शहरी क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों व जिला चिकित्सालय में एकीकृत निक्षय दिवस पर निक्षय गतिविधियों के साथ कुष्ठ, फाइलेरिया और कालाजार उन्मूलन गतिविधियों पर ज़ोर दिया जाएगा।
इन बीमारियों के रोगियों को चिह्नित कर उन्हें उपचार, परामर्श व आवश्यक दवाएं दी जाएंगी। उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया कि प्रथम एकीकृत निक्षय दिवस के पूर्व सभी आशा कार्यकर्ता गृह भ्रमण के दौरान टीबी, कुष्ठ, फाइलेरिया और कालाजार उन्मूलन के लिए समुदाय को जागरूक करें, जिससे वह स्वास्थ्य केन्द्रों पर जाकर इन बीमारियों से बचाव व उपचार का लाभ ले सकें और जनपद को नियत समय पर इन रोगों से मुक्त कराया जा सके। इसके लिए सभी जिम्मेदारों का संवेदीकरण किया जा चुका है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता टीबी,कुष्ठ, फाइलेरिया व कालाजार के संभावित मरीजों की सूची तैयार कर उन्हें हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर लाएंगी। सेंटर पर तैनात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) मरीजों की प्रारम्भिक जांच के साथ ही एचआईवी,डायबिटीज और अन्य उपलब्ध जांच करेंगे। यही नहीं वह उनके बलगम का नमूना भी लेंगे। उसे निक्षय पोर्टल पर आईडी बनाते हुए नजदीकी टीबी जांच केंद्र पर भेजा जाएगा। इसके अतिरिक्त संभावित कुष्ठ, कालाजार,फाइलेरिया के मरीजों की लक्षण के आधार पर स्क्रीनिंग की जाएगी। जांच के दौरान अगर कोई मरीज टीबी से ग्रसित पाया जाता है तो उस टीबी मरीज के स्वजनों की भी जांच की जाएगी। इसके साथ ही साथ परिवार के लोगों की टीपीटी (टीबी प्रिवेंटिव थैरेपी) भी होगी। कुष्ठ रोगियों के परिवार के लोगों की भी जांच कराई जाएगी।
Next Story