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रकम हड़पने का आरोप, IAS रानी नागर ने अब अपने भाई पर ही लगाया

नई दिल्ली. हरियाणा कैडर की 2014 बैच (Haryana Cadre 2014 Batch) की आईएएस अधिकारी रानी नागर (IAS Rani Nagar) एक बार फिर से चर्चा में आ गई हैं. इस बार रानी नागर ने अपने भाई (Brother) पर ही सवा करोड़ रुपये हड़पने का आरोप लगाया है. रानी गाजियाबाद के नगर कोतवाली क्षेत्र की न्यू पंचवटी कॉलोनी की रहने वाली हैं. रानी ने भाई के खिलाफ धोखाधड़ी और अमानत में खयानत का केस दर्ज कराने के लिए गाजियाबाद के एसएसपी (Ghaziabad SSP) मुनीराज जी को पत्र लिखा है. रानी ने भाई पर इनकम टैक्स का भुगतान न करने का भी आरोप लगाया है. इसके लिए इनकम टैक्स कमिश्नर को भी चिट्ठी लिखी है. रानी नागर वर्तमान में हरियाणा सरकार में अतिरिक्त सचिव के पद पर कार्यरत हैं. हालांकि, रानी नागर पिछले कुछ सालों से लगातार अवकाश पर ही रह रही हैं.
साल 2014 बैच की आईएएस अधिकारी रानी नागर हमेशा चर्चा का विषय बनी रहती हैं. बीते 18 जुलाई को ही नागर ने फेसबुक पोस्ट के जरिए अपने भाई पर कई तरह के आरोप लगाए हैं. कुछ महीने पहले रानी ने मां पर भी अपने दिवंगत पिता के पेंशन को लेकर आरोप लगाई थीं. इस बार फेसबुक पोस्ट के जरिए नागर ने गाजियाबाद के लालकुआं इलाके के राज कंपाउंड में रहने वाले अपने भाई सचिन नागर पर संपत्ति हड़प कर बेचने का आरोप लगाया है. नागर ने गाजियाबाद के एसएसपी को भेजे पत्र में कहा है कि सचिन नागर ने वर्ष 2013 में उनसे नेहरू नगर स्थित मकान की रजिस्ट्री यह कहकर अपने नाम करा ली थी कि वह उसका भुगतान शीघ्र ही उन्हें कर देंगे. 9 साल बाद भी सचिन नागर ने मकान का पैसा उन्हें अब तक नहीं दिया है, जबकि वर्ष 2014 में ही सचिन नागर ने उस मकान को 95 लाख रुपये में किसी दूसरे शख्स को बेच दिया.
रानी नागर ने फेसबुक पर पोस्ट किए पत्र में जिक्र किया है कि साल 2010 से 2018 तक उनके भाई ने उनके बैंक खाते में 30 लाख रुपये ट्रांसफर कराए, लेकिन बार-बार अनुरोध करने पर अब तक बाकी बचे पैसे वापस नहीं कर रहे हैं. रानी नागर ने अपने भाई पर अचल संपत्ति बेचने पर इनकम टैक्स का भुगतान न करने का भी आरोप लगाया है. उन्होंने इनकम टैक्स विभाग के चीफ कमिश्नर को पत्र लिखकर सचिन नागर से आयकर वसूलने तथा उनके खिलाफ धोखाधड़ी सहित कई धाराओं में केस दर्ज करने की मांग की है. रानी ने अपने भाई से सरकारी ब्याज दर के हिसाब से 1.25 करोड़ रुपये वापस दिलाने की भी मांग की है.