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Allahabad: एनईपी के तहत स्नातक चार वर्षीय पाठॺक्रमों में होंगे प्रवेश
इलाहाबाद: प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भय्या) राज्य विश्वविद्यालय एवं मंडल के संबद्ध 703 कॉलेजों में एक वर्षीय परास्नातक की पढ़ाई होगी. राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत इस साल से स्नातक चार वर्षीय पाठ्यक्रमों में प्रवेश होंगे. फिर एक वर्षीय पीजी कोर्स शुरू किए जाएंगे. परास्नातक कोर्स के लिए राज्य विश्वविद्यालय पाठ्यक्रम संशोधित कर रहा है.
छात्र-छात्राओं को परास्नातक में शोध कार्य (शोध-प्रबंध) अनिवार्य रूप से करना होगा. साथ ही पीजी छात्रों को कौशल विकास, उद्यमशीलता को वैकल्पिक विषय के तहत अनिवार्य रूप से पढ़ना होगा. पीजी में संशोधित पाठ्यक्रमों के संचालन के लिए विद्वत व कार्य परिषद में रखा जाएगा. मंजूरी मिलने के बाद राज्य विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों में संशोधित पाठ्यक्रम लागू होगा. नए सत्र से स्नातक के चार वर्षीय पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे. एक वर्ष और यानी पांच साल की पढ़ाई करने पर छात्रों को परास्नातक की डिग्री मिलेगी. चार वर्षीय स्नातक करने वाले विद्यार्थी पीएचडी के लिए अर्ह होंगे. लेकिन, उन्हें शोध के दौरान एक वर्ष का कोर्स वर्क अनिवार्य रूप से करना होगा.
कुलपति प्रो. सिंह ने बताया कि सभी महाविद्यालय अपने यहां पंजीकृत विद्यार्थियों को चतुर्थ वर्ष में प्रमोट होने के लिए प्रोत्साहित करेंगे. इसके साथ ही दो वर्ष के परास्नातक पाठ्यक्रमों में भी लेटरल इंट्री के माध्यम से प्रवेश होंगे. यदि ऐसे विद्यार्थी एक वर्ष पूर्ण करने के पश्चात बहु निकास की सुविधा लेते हैं तो उन्हें एक वर्ष का परास्नातक डिप्लोमा प्रदान किया जाएगा. दो वर्ष सफलतापूर्वक पूरे करने पर ही परास्नातक की उपाधि प्रदान की जाएगी.
गरीब बच्चों के निशुल्क प्रवेश को आवेदन एक से: आरटीई के तहत निजी स्कूलों में अलाभित समूह एवं दुर्बल वर्ग के बच्चों को कक्षा एक व पूर्व प्राथमिक कक्षाओं में चौथे चरण में प्रवेश के लिए एक से ऑनलाइन आवेदन शुरू होंगे. तक आवेदन लेने के बाद 28 को लाटरी निकलेगी और सात जुलाई तक प्रवेश दिए जाएंगे.
अब तक तीन चरणों में 3617 बच्चों को स्कूल आवंटित किए जा चुके हैं. पहले चरण में आवेदन करने वाले 5592 बच्चों में से 4106 के आवेदन स्वीकृत हुए थे और 28 बच्चों को स्कूल आवंटित किए गए थे. दूसरे चरण में आवेदन करने वाले 1978 बच्चों में से 911 को स्कूल आवंटित हुआ था. जबकि तीसरे चरण में आवेदन करने वाले 704 अभ्यर्थियों में से 189 आवेदन पत्र निरस्त हो गए थे और 515 की लाटरी निकाली गई थी. इनमें से 388 बच्चों को स्कूल आवंटित हुआ जबकि सीट समाप्त होने के कारण 1 बच्चों को विद्यालय आवंटित नहीं किया जा सका.