उत्तर प्रदेश

Allahabad: प्रदेश में सोशल अवेयरनेस एंड एक्शन टू न्यूट्रलाइज निमोनिया सक्सेसफुली कार्यक्रम आरंभ हुआ

Admindelhi1
31 Jan 2025 9:56 AM GMT
Allahabad: प्रदेश में सोशल अवेयरनेस एंड एक्शन टू न्यूट्रलाइज निमोनिया सक्सेसफुली कार्यक्रम आरंभ हुआ
x
"मासूमों को निमोनिया से बचाने को प्रशिक्षित किए जा रहे स्वास्थ्य कर्मी"

इलाहाबाद: हर माता-पिता का सपना होता है कि उनका बच्चा स्वस्थ और खुशहाल जीवन जिए. लेकिन, 0-5 वर्ष के बच्चों की जिंदगी में निमोनिया अड़चन डाल रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, निमोनिया बच्चों की मृत्यु का मुख्य कारण है और लगभग 14 प्रतिशत बाल मृत्यु दर के लिए जिम्मेदार है. इस चुनौती से निपटने के लिए प्रदेश में सोशल अवेयरनेस एंड एक्शन टू न्यूट्रलाइज निमोनिया सक्सेसफुली (सांस) कार्यक्रम आरंभ हुआ है. इसी कार्यक्रम के तहत दीनदयाल अस्पताल में आशा संगिनी, एएनएम व सीएचओ प्रशिक्षित किए जा रहे हैं, जो लोगों के बीच जाकर निमोनिया के खतरों और बचाव के उपायों के प्रति जागरूक करेंगे.

‘सांस’ कार्यक्रम की थीम ‘निमोनिया नहीं तो बचपन सही’ पर आधारित है. इस अभियान का उद्देश्य बच्चों को निमोनिया से बचाना और उनके जीवन को सुरक्षित बनाना है. दीनदयाल अस्पताल में 20 को स्वास्थ्य कर्मियों का प्रशिक्षण शुरू हुआ, जो 12 तक चलेगा. इसमें निमोनिया के इलाज के लिए विशेष उपकरणों जैसे आक्सीजन सिलेंडर, नेबुलाइजर और एमडीआई इनहेलर के उपयोग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इससे वे सही समय पर बच्चों को राहत प्रदान कर सकेंगे. स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी सुरेश सिंह ने बताया कि अभियान में बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए 6 महीने तक विशेष स्तनपान, पर्याप्त पोषण, पूर्ण टीकाकरण, प्रदूषण मुक्त वातावरण और समय पर उपचार की भूमिका को रेखांकित किया गया है. स्वास्थ्य कर्मियों को डा. मनोज चतुर्वेदी, डा. शहजाद अल्वी व सुनीता कुमारी द्वारा भी प्रशिक्षित किया जा रहा है. डा. मनोज ने कहा कि माता-पिता से लेकर स्वास्थ्य कर्मियों तक, हर किसी की भूमिका इस अभियान को सफल बनाने में महत्वपूर्ण है. निमोनिया फेफड़ों में संक्रमण है, जो बैक्टीरिया, वायरस या फंगस के कारण हो सकता है. प्रदूषण, कमजोर इम्यूनिटी, कुपोषण और ठंडा मौसम निमोनिया के जोखिम को बढ़ाते हैं.

‘सांस’ अभियान में इन उपायों पर जोर

● विशेष स्तनपान: बच्चों को छह महीने तक केवल मां का दूध पिलाना.

● टीकाकरण: बच्चों को निमोनिया से बचाने वाले टीके लगवाना.

● स्वच्छ वातावरण: घर के अंदर धूम्रपान और वायु प्रदूषण से बचना.

● पोषण: बच्चों के लिए संतुलित आहार सुनिश्चित करना.

● समय पर उपचार: लक्षण दिखने पर तुरंत डाक्टर से परामर्श लेना.

Next Story