उत्तर प्रदेश

Allahabad: जिला जेल में संदिग्ध हालात में बंदी की मौत हुई

Admindelhi1
18 Nov 2024 7:18 AM GMT
Allahabad: जिला जेल में संदिग्ध हालात में बंदी की मौत हुई
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जेल सिपाही निलंबित

इलाहाबाद; नैनी जिला कारागार में एक बंदी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. सूचना पर रोते कलपते परिजन एसआरएन पहुंचे लेकिन उन्हें शव नहीं देखने दिया गया. चर्चा है कि लापरवाही पर एक जेल सिपाही को निलंबित कर दिया गया है.

नैनी पुलिस के मुताबिक शाम को जेल से सूचना मिली कि बंदी अफरोज उर्फ बबलू पुत्र अफसर अली निवासी इंदलपुर, नैनी ने खुदकुशी का प्रयास किया है. उसे एसआरएन अस्पताल ले जाया गया है. एसआरएन अस्पताल में बबलू ने दम तोड़ दिया. वहीं बबलू के घरवालों ने बताया कि शाम को जेल से दो सिपाही घर आए और बताया कि उसकी तबीयत खराब है. एसआरएन अस्पताल में भर्ती है. घरवाले एसआरएन पहुंचे तो पता चला कि बबलू की मौत हो चुकी है. घरवालों ने शव दिखाने की मांग की लेकिन उन्हें सुबह आने की बात कहकर लौटा दिया गया. पिता अफरोज अली ने बताया कि दो दिन पहले वह जेल में बबलू से मिलने गए थे. तब सब ठीक था, लेकिन कुछ परेशान था. चर्चा है कि दो दिन पहले बंदी की तबीयत बिगड़ी थी. इस पर उसका जेल में इलाज चल रहा था. शाम को उसने मौका पाकर जेल अहाते की खिड़की में फांसी लगाने का प्रयास किया. सिपाहियों ने देखा तो उसे एसआरएन अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. अफरोज को पांच जून को जानलेवा हमले के मामले में जेल भेजा गया था. उसके एक बेटी और बेटा है. उसकी मौत से घर में कोहराम मचा है. परिजन गम में डूबे हैं. वहीं इस मामले जेल अधिकारियों से संपर्क का प्रयास किया लेकिन बात नहीं हो सकी.

स्टांप के दस्तावेज नहीं दे सके: टोल प्लाजा पर स्टांप के घोटालों की लगातार मिल रही शिकायत के बाद एआईजी स्टांप ने जसरा के उमापुर टोल प्लाजा का निरीक्षण किया. एआईजी के निरीक्षण के दौरान न तो प्रबंधक मिले और न ही उन्हें यहां स्टांप शुल्क देने के दस्तावेज ही दिखाए जा सके. इस पर एआईजी स्टांप ने प्रबंधक को नोटिस देकर दस्तावेज मांगे हैं.

नियम है कि जितने भी टोल प्लाजा है, वो अपनी वसूली का दो फीसदी स्टांप शुल्क देते हैं. जिले के टोल प्लाजा पर स्टांप शुल्क की रिपोर्ट नहीं मिल रहा है. इस पर एआईजी स्टांप राकेश चंद्रा उमापुर टोल प्लाजा पहुंचे. रोजाना 21 लाख 80 हजार रुपये के टोल प्लाजा वसूलकर सरकार को राजस्व दिया जाता है. जब एआईजी को कर्मचारी कोई दस्तावेज नहीं दिखा सके.

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