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Allahabad: निजीअस्पताल की लिफ्ट खराब, 40 मिनट तक फंसा रहा परिवार
इलाहाबाद: महानगर के रामघाट रोड इलाके के निजी हॉस्पिटल में आधीरात को मरीज के तीमारदार परिजनों को लेकर नीचे आ रही लिफ्ट बीच में फंस गई. इस दौरान काफी देर तक लिफ्ट न चलने पर अंदर हायतौबा के हालात बन गए. करीब 40 मिनट तक मरीज और उसके परिजन फंसे रहे. अंदर फंसे लोगों ने पुलिस कंट्रोल रूम को फोन कर किया और पुलिस ने पहुंचकर मदद करते हुए लोगों को बाहर निकाला. तब सभी ने राहत महसूस की. इस दौरान एक बुजुर्ग महिला की तबियत भी बिगड़ गई.
सासनी गेट इलाके के पार्षद के भाई नरेंद्रपाल सिंह जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के अध्यक्ष हैं. उनके स्वर्ण जयंती नगर निवासी समधी को रात तबियत बिगड़ने पर निजी हॉस्पिटल लाया गया था. जहां उन्हें दूसरे माले पर आईसीयू में रखा गया. इस सूचना पर खुद नरेंद्रपाल सिंह आदि भी रात करीब 12 बजे अस्पताल पहुंच गए. वाकया रात सवा बजे के आसपास का है. वे जब चलने लगे तो उनकी समधन चेतन सिंह ने कहा कि वे अपनी गाड़ी से उन्हें उनके घर तक छोड़ दें. इस पर वे खुद, समधन, बेटी ज्योति, दामाद मयंक, बेटी की जिठानी रीना, भतीजा प्रशांत व रिश्तेदार अनुज लिफ्ट से नीचे आने लगे. मगर लिफ्ट नीचे आने के बजाय बीच में ही फंस गई. अंदर बुजुर्ग समधन की तबियत बिगड़ने लगी. बाद में उन्होंने 135 बजे पुलिस कंट्रोल रूम के साथ-साथ डीएम-एसएसपी आवास तक पर फोन लगा दिया. इस जानकारी पर क्वार्सी पुलिस वहां पहुंची और बीच रास्ते में लिफ्ट में फंसे सभी सातों लोगों को खींचकर पहले माले पर निकाला गया. इस दौरान चेतन सिंह को बेहोशी तक छा गई. इस पूरी प्रक्रिया में करीब 40 से 45 मिनट तक का समय लगा. नरेंद्रपाल सिंह का आरोप है कि इस दौरान अस्पताल प्रबंधन या स्टाफ की ओर से न कोई मदद मिल पाई और न बाहर निकलने के बाद किसी ने बतौर सिंपैथी तबियत बिगड़ने पर कोई राहत दी. देर शाम मामले में परिजन तहरीर देने की तैयारी कर रहे थे.
मुरादाबाद के रहने वाले रिश्तेदार नरेंद्रपाल सिंह के अनुसार उनकी बेटी ज्योति व दामाद मयंक मुरादाबाद के रहने वाले हैं. दामाद यहां डीसीबी बैंक में सेवारत हैं और स्वर्ण जयंती नगर में रहते हैं. रात करीब 11 बजे ब्लड प्रेशर की शिकायत पर उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था.