उत्तर प्रदेश

Allahabad: बिना रजिस्ट्रेशन संचालित अस्पताल को किया सील

Admindelhi1
3 Dec 2024 7:21 AM GMT
Allahabad: बिना रजिस्ट्रेशन संचालित अस्पताल को किया सील
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एक अस्पताल बिना रजिस्ट्रेशन चलता मिला

इलाहाबाद: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नेवादा के तिल्हापुर मोड़ बाजार में दोपहर एसीएमओ ने स्वास्थ्य कर्मियों की टीम के साथ अस्पताल और ट्रामा सेंटरों पर पर छापा मारा. इस दौरान एक अस्पताल बिना रजिस्ट्रेशन चलता मिला, जिसे तत्काल सील कर दिया गया. वहीं दूसरे हॉस्पिटल में पैथोलॉजी सेंटर और ऑपरेशन थियेटर को सील किया गया. आरोप है कि यह अस्पताल के बेसमेंट में संचालित किए जा रहे थे. एसीएमओ की आकस्मिक जांच और कार्रवाई से इलाके भर के अस्पताल संचालकों में हड़कंप मच गया. कई छोटे क्लीनिक के शटर गिराकर संचालक मौके से भाग खड़े हुए.

उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. हिमांशु भूषण दोपहर टीम के साथ तिल्हापुर मोड़ स्थित ट्रामा सेंटरों पर छापा मारा. इस दौरान राज हास्पिटल में कागजातों की जांच की गई. अस्पताल के नामित संचालक चिकित्सक समेत कोई डिग्री धारक डाक्टर और स्टाफ नहीं मिले. आग से बचाव की कोई व्यवस्था नहीं मिली. साथ ही अस्पताल के रजिस्ट्रेशन संबंधी अभिलेख भी पूरे नहीं थे. इसके चलते चिकित्सकों की टीम ने अस्पताल को सील कर दिया. वहीं अरमान हास्पिटल के बेसमेंट में बने पैथोलॉजी सेंटर और ऑपरेशन थियेटर को सील कर दिया गया. जबकि अस्पताल संचालक डा.निसार अहमद का कहना है कि बेसमेंट में ओपीडी संचालित हो सकती है. एसीएमओ के छापा पड़ने की सूचना फैलते हैं अन्य झोलाछाप डाक्टर अपनी दुकानों को बंद कर भाग निकले. एसीएमओ के आकस्मिक छापे से इलाके के झोलाछाप डाक्टरों में हड़कंप मचा रहा. टीम में नायब तहसीलदार कपिल मिश्र, नेवादा प्रभारी चिकित्साधिकारी डा.मुक्तेश द्विवेदी समेत पिपरी पुलिस मौजूद रही.

एक अस्पताल में जांच करने गई टीम लौटी, चर्चा में

तिल्हापुर मोड़ स्थित एक अस्पताल में दोपहर एसीएमओ डा.हिमांशु भूषण, नेवादा प्रभारी चिकित्साधिकारी डा.मुक्तेश द्विवेदी और नायब तहसीलदार कपिल मिश्रा पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे. लोगों के अनुसार अस्पताल के बोर्ड में लिखे डॉक्टरों में एक भी मौजूद नहीं था. जबकि हास्पिटल में लगभग 150 मरीज भर्ती थे. कार्रवाई करने से पहले ही फोन घनघनाने पर बिना कार्रवाई किए ही टीम लौट गई. इसे लेकर लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं हैं. वहीं नायब तहसीलदार कपिल मिश्रा ने बताया कि अस्पताल के संचालक को दो दिन के अंदर अस्पताल में भर्ती मरीजों का विवरण और अभिलेख दिखाने के निर्देश दिए गए हैं.

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