उत्तर प्रदेश

जीवनसाथी चुनने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने की ये अहम टिप्पणी

Shantanu Roy
24 Nov 2020 3:05 AM GMT
जीवनसाथी चुनने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने की ये अहम टिप्पणी
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फाइल फोटो 

कथित लव जिहाद के खिलाफ यूपी में सख्त कानून बनाने की सरकार की तैयारियों के बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला दिया है. अदालत ने कहा है कि किसी भी व्यक्ति को अपनी पसंद का जीवन साथी चुनने का अधिकार है. कोर्ट ने कहा है कि कानून दो बालिग व्यक्तियों को एक साथ रहने की इजाजत देता है, चाहे वे समान या विपरीत सेक्स के ही क्यों न हों.

कुशीनगर के रहने वाले सलामत अंसारी और प्रियंका खरवार मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि कानून एक बालिग स्त्री या पुरुष को अपना जीवन साथी चुनने का अधिकार देता है. अदालत ने कहा है कि उनके शांतिपूर्ण जीवन में कोई व्यक्ति या परिवार दखल नहीं दे सकता है.

अदालत ने कहा कि यहां तक कि राज्य भी दो बालिग लोगों के संबंध को लेकर आपत्ति नहीं कर सकता है. अदालत ने ये फैसला कुशीनगर थाना के सलामत अंसारी और तीन अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान सुनाया.

बता दें कि सलामत और प्रियंका खरवार ने परिवार की मर्जी के खिलाफ शादी की है. दोनों ने मुस्लिम रीति रिवाज के साथ 19 अगस्त 2019 को शादी की है. प्रियंका खरवार शादी के बाद आलिया बन गई. इस मामले में प्रियंका खरवार ने एफआईआर दर्ज कराई है. एफआईआर में उन्होंने कहा है कि उनकी बेटी को बहला-फुसलाकर भगा ले जाया गया है. एफआईआर में आरोपी के खिलाफ पोक्सो एक्ट लगाया गया है.

जस्टिस पंकज नकवी और जस्टिस विवेक अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि प्रियंका खरवार उर्फ आलिया की उम्र का विवाद नहीं है.

प्रियंका खरवार उर्फ आलिया की उम्र 21 वर्ष है. कोर्ट ने प्रियंका खरवार उर्फ आलिया को अपने पति के साथ रहने की छूट दी है. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में पोक्सो एक्ट नहीं लागू होता है.

कोर्ट ने कहा प्रियंका खरवार और सलामत को अदालत हिंदू और मुस्लिम के रूप में नहीं देखती है. इसके साथ ही कोर्ट ने याचियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया है. अदालत ने कहा कि ये प्रियंका खरवार की मर्जी है कि वो किससे मिलना चाहती है.

हालांकि कोर्ट ने उम्मीद जताई है कि बेटी परिवार के लिए उचित शिष्टाचार और सम्मान का व्यवहार करेगी.

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