उत्तर प्रदेश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरओ/एआरओ परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने पर लगाई रोक

Renuka Sahu
8 April 2022 2:51 AM GMT
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरओ/एआरओ परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने पर लगाई रोक
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फाइल फोटो 

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट के आरओ एआरओ और कंप्यूटर सहायक भर्ती 2021 में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक लगा दी है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट के आरओ (समीक्षा अधिकारी) एआरओ (सहायक समीक्षा अधिकारी) और कंप्यूटर सहायक भर्ती 2021 में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक लगा दी है। महानिबंधक को आठ अप्रैल तक चयनित अभ्यर्थियों को इस आदेश की जानकारी देने का निर्देश दिया है। ताकि कोई चाहे तो याचिका में अपना पक्ष रख सके।

कोर्ट ने हाईकोर्ट प्रशासन से एक हफ्ते में याचिका पर जवाब मांगा है। याचिका की अगली सुनवाई 25 अप्रैल को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने राबिन सिंह और 38 अन्य की याचिका सहित 12 याचिकाओं की सुनवाई करते हुए दिया है।
याचिकाकर्ता की आपत्ति भर्ती परीक्षा के द्वितीय भाग कंप्यूटर आधारित टाइप टेस्ट में दिए गए अंकों और स्पीड को लेकर है। कोर्ट ने कहा कि भारत सरकार यह नहीं बता सकी कि (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) जिसे यूपीपीसीएल ने ब्लैक लिस्टेड किया हुआ है। महानिबंधक ने भर्ती में उसकी सहायता क्यों ली?
टाइप टेस्ट में पारदर्शिता न बरतने का आरोप
याचिका में 17 अगस्त, 2021 को महानिबंधक द्वारा जारी भर्ती विज्ञापन के तहत टाइप टेस्ट में अंक देने में पारदर्शिता न बरते जाने का आरोप लगाया है। उसने कहा कि निर्धारित न्यूनतम अर्हता अंक 25 पाने के बावजूद उनका चयन नहीं किया जा सका। 20 मिनट में 500 शब्द बिना गलती के प्रति मिनट 25 शब्द की रफ्तार से टाइप किया जाना था, जो न्यूनतम अर्हता थी।
याचियों की ओर से तर्क दिया गया कि अगर 15 मिनट में 400 शब्द टाइप करने वाला 25 शब्द प्रति मिनट की रफ्तार से टाइप करेगा तो वह भी न्यूनतम अंक अर्जित कर लेगा। 50 में से 25 अंक लाने थे। याचियों का कहना है कि उन्होंने 25 अंक अर्जित किए हैं फिर भी उनका चयन नहीं किया गया है। यह चयन प्रक्त्रिस्या का दोष है। कोर्ट ने कहा कि प्रथमदृष्टया याची अंतरिम राहत पाने के हकदार हैं।
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