उत्तर प्रदेश

Allahabad: जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने फसलों में रोग-कीट के नुकसान से बचाव के लिए उपाय सुझाए

Admindelhi1
31 Dec 2024 6:37 AM GMT
Allahabad: जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने फसलों में रोग-कीट के नुकसान से बचाव के लिए उपाय सुझाए
x
"किसानों के लिए दो मोबाइल नंबर किए गए जारी"

इलाहाबाद: रबी के सीजन में गेहूं, आलू से लेकर अन्य फसलों में विभिन्न प्रकार के कीट और खरपतवार लग जाती है, जिससे किसानों को खासा नुकसान उठाना पड़ता है. जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने इस नुकसान से बचाव के लिए उपाय सुझाए हैं. इनके प्रयोग से किसान अपनी फसलों की रक्षा कर पाएंगे. कृषि रक्षा अधिकारी अमित जासयवाल ने बताया कि इस समय गेहूं की फसल में चौड़ी और संकरी पत्ती के खरपतवार चटरी-मटरी, कृण्णनील, बथुआ, गेहूं कर मामा व जई खरपतवारों पर प्रकोप होता है. जिसके बचाव के लिए चौड़ी पत्ती के खरपतवारों के लिए मैटसल्फयूरान मिथाइल 20 प्रतिशत डब्ल्यूपी 20 ग्राम प्रति हेक्टेयर, 2,4 डी सोडियम साल्ट 80 प्रति. 625 ग्राम या कारफेन्ट्राजोन-इथाइल 40 प्रति. डीएफ 50 ग्राम मात्रा प्रति हेक्टेयर 500 लीटर पानी में मिलाकर छिडकाव करें. सकरी पत्ती के लिए (जई, गेहूं का मामा) में सल्फोस्ल्फयूरान 75 प्रतिशत डब्ल्यूजी 33ग्राम (2.5)यूनिट मात्रा प्रति हेक्टेयर सकरी एवं चौड़ी दोनो के नियंत्रण के लिए सल्फो. 75 प्रति. मैटसल्फयूरान 5 प्रति. डब्ल्यूजी (2.5) यूनिट प्रति हेक्टेयर 25-30 दिन या पहली सिंचाई के बाद 300 लिटर पानी में स्प्रे करें.

इस तरह करें इस तरह बचाव कापरआक्सीक्लोराइड 50 प्रतिशत डब्लूपी की 2.5 किग्रा या मैन्कोजैब 75 प्रतिशत डब्लूपी की 2 किग्रा या जिनेव 75 प्रतिशत डब्लूपी की 2.5 किग्रा मात्रा में से कोई एक रसायन को 600-700 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें. सरसों की पछेती फसल में माहू कीट नियंत्रण के लिए जैव कीटनाशी एजाडिरैक्टिन 0.15 प्रतिशत ईसी की 2.5 लीटर मात्रा या डाइमैथोएट 30 प्रतिशत ईसी 1 लीटर मात्रा को 500 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें. साथ ही चना, मटर, मसूर में सेमीलूपर कीट नियंत्रण के लिए बैसीलसथ्यूरीजैन्सिस (बीटी) 1 किग्रा या एजीडारैक्टिन 0.15 प्रतिशत ईसी की 2.5 लीटर मात्रा या मैलाथियान 50 प्रतिशत ईसी की 2 लीटर मात्रा को 500-600 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति. हैक्टेयर छिड़काब करें. या 50-60 लकड़ी के बने बर्डपर्चर प्रति हेक्टेयर की दर से लगाना चाहिए. जिस पर चिड़िया बैठकर सूड़ियां खा सकें, इससे लार्वा का नियंत्रण हो जाता है.

समस्या होने पर करें संपर्क: विभाग की तरफ से फसलों में कीट रोग लगने की स्थिति में सुधार के लिए मोबाइल नंबर जारी किए गए हैं. फसल पर प्रकोप दिखाई दे तो किसान मोबाइल नं. 9452257111 और 9452247111 पर वाट्सअप पर मैसेज कर सकते हैं. समस्या का निदान 48 घंटे में मोबाइल पर दिया जाएगा.

Next Story