उत्तर प्रदेश

Allahabad: इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने सेंसर को किया डिजाइन

Admindelhi1
8 Feb 2025 7:38 AM GMT
Allahabad: इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने सेंसर को किया डिजाइन
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"दिमाग की उत्तेजना को पलक झपकते पढ़ लेगा सेंसर"

इलाहाबाद: इलाहाबाद विश्वविद्यालय, आईआईटी खड़गपुर और ब्राजील के वैज्ञानिकों ने मिलकर एक ऐसा सेंसर विकसित किया है, जो दिमाग की उत्तेजना को पलक झपकते ही पढ़ लेगा.यह सेंसर मस्तिष्क से निकलने वाले डोपामिन रसायन को जांचने के लिए बनाया गया है।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान के प्रो. ठाकुर प्रसाद यादव ने कहा कि शरीर में डोपामिन की मात्रा पता लगाने के लिए अभी रक्त की जांच करानी होती है.इसकी रिपोर्ट में काफी वक्त लग जाता है.उनका डोपामिन सेंसर मुंह में रखते ही बता देगा कि दिमाग में डोपामिन का स्राव हुआ है कि नहीं।

प्रो. यादव ने कहा कि डोपामिन के अधिक स्राव से दिमाग में तेजी से उत्तेजना बढ़ने लगती है.इससे मनुष्य पूरी तरह से होश में नहीं रह जाता और बिना कुछ सोचे-समझे कई बार गंभीर अपराध तक अंजाम दे डालता है.इन अपराधों में हत्या-आत्महत्या से लेकर मारपीट तक कुछ भी हो सकता है.उन्होंने कहा कि अब सेंसर को अपग्रेड करके डोपामिन के स्राव की सटीक मात्रा और उससे मानव मस्तिष्क पर होने वाले सकारात्मक व नकारात्मक असर का पता लगाएंगे.डोपामिन सेंसर कितने दिनों तक काम कर सकता है।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने सेंसर को किया डिजाइन: सेंसर तैयार करने में टाइटेनियम, जरकोनियम और निकिल के एलॉय कम्पोजिशन का उपयोग किया गया है.इसकी डिजाइन इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रो. यादव ने किया.आईआईटी खड़गपुर में इसे प्रायोगिक तौर पर परखकर अंतिम रूप दिया गया. सेंसर की थ्योरी पर पूरा काम ब्राजील की सैंपियाना यूनिवर्सिटी में हुआ.टीम में प्रो. यादव के अलावा आईआईटी खड़गपुर के प्रो. चंद्रशेखर तिवारी और ब्राजील की सैंपियाना यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक प्रो. डोगलस शामिल हैं।

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