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इलाहाबाद: उद्यमियों का गैर प्रांतों व स्थानीय स्तर फंसने वाली धनराशि वापस कराने को शुरू की गई फैसिलिटेशन काउंसिल (सुविधा परिषद)दम तोड़ती नजर आ रही है. फैसिलिटेशन काउंसिल का उद्यमी लाभ नहीं उठा रहे हैं. यही कारण है कि अलीगढ़ में फीस जमा नहीं होने पर 137 मामलों को निरस्त कर दिया गया है. को कमिश्नरी सभागार में मंडलायुक्त चैत्रा वी की बैठक में संयुक्त आयुक्त बीरेंद्र कुमार ने फैसिलिटेशन काउंसिल में आने वाले प्रकरण का ब्योरा प्रस्तुत किया.
मंडलायुक्त चैत्रा वी ने फैसिलिटेशन काउंसिल की को समीक्षा की. सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम अधिनियम 2006 के अंतर्गत सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्योगों के बकाया भुगतानों की देनदारी व लेनदारी के प्रकरणों में सुलह समझौता कराए जाने के उद्देश्य से भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय द्वारा प्रत्येक मंडल पर मंडलायुक्त की अध्यक्षता में फैसिलिटेशन काउंसिल का गठन किया गया है. समीक्षा बैठक में सामने आया कि अलीगढ़ में आवेदक शुल्क जमा नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण आवेदन निरस्त किए जा रहे हैं. संयुक्त आयुक्त उद्योग बीरेंद्र कुमार ने बताया कि एमएसएमई समाधान पोर्टल पर अभी तक 175 प्रकरण प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 98 प्रकरणों को पूर्व की काउंसिल की बैठकों में फीस जमा न किए जाने के कारण निरस्त किया जा चुका है. 30 को हुई काउंसिल की बैठक में भी 39 ऐसे प्रकरण हैं, जिसमें उद्यमियों द्वारा काउंसिल की फीस जमा नहीं की गई, जिसके कारण निरस्त किए जाने का निर्णय लिया गया.
मुख्य रूप से जनपद की तीन इकाइयों के जिसमें एलीगेन्स ओवरसीज, शक्ति एंटरप्राइजेज एवं राज इंडस्ट्रीज के वादों को विपक्षी इकाई के साथ आपसी समझौता न होने के कारण काउंसिल के समक्ष विचार के लिए प्रस्तुत किया गया. जिसमें एलीगेन्स ओवरसीज का जनपद मेरठ की इकाई में गोयल वाथ पैलेस से लेनदारी के प्रकरण में इकाइयों द्वारा आपसी समझौता न होने के कारण वाद को आर्बिट्रेशन में प्रस्तुत किए जाने का निर्णय लिया गया. शक्ति एंटरप्राइजेज की लेनदारी मुंबई स्थित धातु कला केंद्र से होने तथा उक्त इकाई के प्रतिनिधि उपस्थित न होने के कारण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित होने के निर्देश दिए गए. राज इंडस्ट्रीज ने जनपद की इकाई की लॉक मास्टर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा भुगतान न किए जाने का वाद प्रस्तुत किया गया. लॉक मास्टर इंडिया के प्रतिनिधि अथवा उनके अधिवक्ता के उपस्थित न होने पर काउंसिल द्वारा इकाइयों को सुलह समझौता के लिए एक अंतिम अवसर प्रदान किए जाने का निर्णय लिया गया. इसके बाद प्रतिनिधि उपस्थित नहीं हुए तो काउंसिल आदेश जारी कर देगी.