उत्तर प्रदेश

ताजमहल में बंद होंगे सभी टिकट काउंटर, सैलानियों की एंट्री के लिए नई व्यवस्था की तैयारी

Renuka Sahu
26 Aug 2022 3:11 AM GMT
All ticket counters will be closed in Taj Mahal, preparations for new arrangements for entry of tourists
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फाइल फोटो 

ताजमहल पर सैलानियों की एंट्री के लिए नई व्यवस्था की तैयारी हो रही है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ताजमहल पर सैलानियों की एंट्री के लिए नई व्यवस्था की तैयारी हो रही है। ऑफलाइन के स्थान पर आनलाइन टिकटें बुक करने पर ही प्रवेश मिलेगा। यूपीआई के जरिए टिकटें बुक की जा सकेंगी। वेबसाइट के साथ-साथ एप भी लांच करने की तैयारी की जा रही है। पूरी तरह से डिजिटल होते ही आफलाइन टिकट को बंद कर दिया जाएगा।

अभी तक ताजमहल पर आनलाइन के साथ-साथ पूर्वी और पश्चिमी गेटों से आफलाइन टिकट भी मिलती हैं। इसके चलते बुकिंग विंडो पर मारामारी रहती है। साथ ही टिकटों के ब्लैक होने की भी पूरी संभावना रहती है। कोविड काल में विभाग द्वारा आनलाइन का प्रयोग किया गया था। ये प्रयोग जब हुआ था। तब ताजमहल में सैलानियों के स्लाट के साथ-साथ क्षमता भी निर्धारित कर दी गई थी। अब पर्यटकों की क्षमता निर्धारित नहीं है। ऐसे में शुरू में कुछ दिक्कतें भी आ सकती हैं।
विभाग द्वारा पूरी व्यवस्था को डिजिटल करने पर काम भी शुरू हो गया है। इसके लिए टेक्निकल टीम और स्टाफ के साथ बैठक की जा रही है। व्यवस्था सरल और सुगम करने के बाद ही इसे लागू किया जाएगा।
अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. राजकुमार पटेल ने बताया, ऑनलाइन वेबसाइट के साथ ऐप बनाने, नेटवर्क के लिए वाईफाई व्यवस्था और अच्छी करने पर विचार किया जा रहा है।
डिजिटल प्रक्रिया की कम जानकारी वाले पर्यटकों के लिए फोन बैंकिंग जैसी व्यव्यस्था बनाने के लिए भी विचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पर्यटक टोल फ्री नम्बर पर काल कर अपने एटीम या क्रेडिट कार्ड के जरिये सुरक्षित तरीके से टिकट बुक कर पाए यह प्राथमिकता रहेगी।
लपकों पर लगेगा अंकुश
डिजिटल व्यवस्था हो जाने पर लपकों पर काफी हद तक अंकुश लग सकेगा। हालांकि कोरोना काल में भी लपकों ने अपनी आईडी पर टिकटों को बुक कराकर उन्हें ऊंचे दामों में बेचा था। इस पर भी विभाग द्वारा विचार किया जा रहा है कि किस तरह से लपकों के इस जाल को तोड़ा जा सके।
काफी सैलानियों को होगी परेशानी
ताजमहल पर टिकट व्यव्यस्था ऑनलाइन करने पर लोगों को परेशानी भी हो सकती है। काफी पर्यटक ऐसे हैं जो डिजिटल स्तर पर बहुत जानकार नहीं हैं। ऐसे में उन्हें टिकट बुक करने में दिक्कतें आ सकती हैं। साथ ही बहुत से सैलानियों के पास नेट बैंकिंग भी नहीं होती है। उनके खातों में पैसे न होने पर टिकट बुक होना मुश्किल हो जाएगा।
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