उत्तर प्रदेश

सफाई मजदूरों के तीनों संगठन हुए सक्रिय, ठेका प्रथा को बताया गैरकानूनी

Admin Delhi 1
3 Nov 2022 10:07 AM GMT
सफाई मजदूरों के तीनों संगठन हुए सक्रिय, ठेका प्रथा को बताया गैरकानूनी
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मेरठ न्यूज़: स्वच्छता मित्रों को लेकर पांच नवंबर को छोड़े जाने वाले टेंडर के विरोध में नगर निगम शाखा के तीनों संगठन सक्रिय हो गए हैं। दो संगठनों की ओर से आयुक्त कार्यालय में ज्ञापन देते हुए पूरे मामले की जांच कराने और टेंडर की प्रक्रिया को निरस्त कराने की मांग की गई। वहीं एक संगठन ने नगर आयुक्त से मिलकर सफाई मजदूरों का वेतन बढ़ाने और उनको सुविधाएं देने की मांग रखी। उत्तर प्रदेशीय सफाई मजदूर संघ नगर निगम शाखा की ओर से जिला अधिकारी कार्यालय पर डीएम और मंडल आयुक्त से मिल कर सफाई मजदूरों की समस्याओं पर एक ज्ञापन सौंपा। शिव कुमार नाज अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि नगर आयुक्त मेरठ सफाई मजदूरों को झांसे में रख रहे हैं। बीती 21 अक्टूबर को संगठन के साथ वार्ता कर वेतन बढ़ाने का भरोसा दिया गया था। जबकि अब चुपचाप तरीके से ठेका छोड़ने का काम किया जा रहा है। ज्ञापन में कहा गया कि कांट्रेक्ट लेबर रेगुलेशन एंड अबोलिशन एक्ट 1970 की धारा 12 में किसी ठेकेदारों के पास कोई लाइसेंस नहीं है। और न ही नगर निगम का उक्त एक्ट की धारा सात में कोई रजिस्ट्रेशन है। सफाई मजदूर नेताओं ने कहा कि यह ठेका गैरकानूनी है। इस प्रकार निगम खजाने को लूटा जा रहा है। चोतवनी दी गई कि यदि आने वाली पांच नवम्बर को ठेका कैंसिल नहीं किया, तो संघ आंदोलन के साथ ही अदालत का रास्ता अपनाएगा, और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ गैर कानूनी ठेकेदारी लागू करने के लिए केस दर्ज कराया जाएगा ।

इस मौके पर सुभाष गोस्वामी एडवोकेट, सतीश छजलाना, नरेंद्र सागर, मोनी चिंडालिया, पवन ढींगिया, प्रेम किशन टांक, बबलू, पंकज चिंडालिया, आकाश बेनीवाल, मनोज स्वरूप, आशीष चड्ढा, नरेश गहलोत, रमेश पर्चा, गोपाल चावरियां आदि मौजूद रहे। वहीं अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त के नाम एक ज्ञापन दिया। जिसमें कहा गया कि नगर निगम मेरठ में 29 अप्रैल 2015 को जारी शासनादेश को आधार बनाकर सफाई कार्य में जालसाजी पूर्ण गैर कानूनी ढंग से सृजित रिक्त पदों पर कार्यरत 2215 दीर्घ सेवा वाले अस्थायी संविदा सफाई कर्मियों को आउटसोर्सिंग (ठेकेदारी) में झोंक दिया गया था। जिसको लेकर सफाईकर्मियों में रोष है। आयुक्त से इस मामले की समीक्षा कर (ठेकेदारी) आउटसोर्सिंग समाप्त करने की मांग की गई। संरक्षक सुरेन्द्र कुमार ढींगिया, अध्यक्ष दिनेश सूद, महामंत्री राजू ढिंगिया, मोनू वैद, सागर सिलेलान, सोनू बहनवाल, अर्जुन महरोल, पवन राजौरिया, नवीन गेहरा आदि मौजूद रहे। इसी क्रम में संयुक्त सफाई मजदूर संघ का एक प्रतिनिधिमंडल नगर आयुक्त से मिला।

उनके समक्ष संगठन में सफाई कर्मचारियों की बिंदुवार मांग रखी गई, और सफाई कर्मचारियों का वेतन वृद्धि 16500 बोनस चार परसेंट का डीए के एरियर का भुगतान, ठंडी-गर्मी की वर्दी को लेकर भी संयुक्त सफाई कर्मचारी यूनियन मांग रखी। जिसमें टीसी मनोठिया पार्षद, विनेश विनेश मनोठिया, चौधरी सुंदरलाल भुरंडा, कमल मनोठिया, नरेश वैद्य, कैलाश चंदोला, रविंद्र बैरागी, सुरेंद्र ढीगिंया, दीपक मनोठिया, पंकज चिंडालिया, संदीप वैद्य, नितिन महरोल, कपिल भुरंडा, विनोद चंदोला विनेश विद्यार्थी, सुनील मनोठिया, सागर सूद रवि महरोल, मनोज सिंघानिया, दिनेश सूद आदि लोग शामिल रहे।

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