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गेहूं से जुड़े सभी उत्पाद हुए महंगे, फसल का उत्पादन प्रभावित
बस्ती न्यूज़: रबी सीजन में कई बार बदले मौसम के मिजाज से गेहूं की फसल का उत्पादन प्रभावित हुआ है. जिले के अलग-अलग हिस्से में उत्पादन एक समान नहीं है. सबसे अधिक गेहूं की उपज देने वाला माझा इलाका चार से पांच कुंतल प्रति बीघा देता था, लेकिन इस बार उत्पादन अधिकतम ढाई कुंतल तक ही पहुंच पाया है.
किसानों की माने तो जिले में गेहूं का उत्पादन 15 से 20 प्रतिशत घट गया है. इसका सीधा असर गेहूं खरीद पर भी दिख रहा है. जिले में संचालित 74 गेहूं क्रय केंद्रों में कुछ ऐसे भी हैं, जिन्होंने अभी तक एक छटांक भी अनाज नहीं खरीदा है.
एक तरफ गेहूं क्रय केंद्रों को किसानों का इंतजार है तो दूसरी तरफ व्यापारी खेतों से ही किसान का गेहूं खरीद ले रहे हैं.
सरकारी दाम से अधिक खेत से ही धंधा करने वाले किसान गेहूं के परिवहन, मजदूरी, पंजीकरण व भुगतान के इंतजार से बच जा रहे हैं. खेतों से गेहूं वही किसान बेच रहा है, जिसे रुपयों की सबसे अधिक जरूरत है. बड़े किसान गेहूं को होल्ड कर रहे हैं. उनका कहना है कि जब अच्छा मूल्य मिलेगा या जरूरत होगी तब गेहूं बेच देंगे.
इसका सीधा असर गेहूं उत्पाद पर पड़ रहा है. आटा, मैदा, चोकर के दाम बढ़ गए हैं. पशुपालकों के कैटिल फीड का भी दाम बढ़ रहा है. इतना ही नहीं भूसा की भी किल्लत हो रही है. यही कारण है कि गेहूं कटाई का सीजन होने के बाद भी भूसे का दाम पिछले साल की अपेक्षा 25 प्रतिशत तक बढ़ गया है. आशंका है कि आने वाले समय में इन सामानों के दाम में भारी बढ़ोत्तरी हो जाएगी.