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- Aligarh: अब पराली...
अलीगढ़: अलीगढ़ जिला पराली जलाने के मामले में पहले नंबर पर रहा है. हर बार शासन की तरफ से दिशा निर्देश दिए जाते हैं, मगर घटनाओं में कमी नहीं हो सकी. शासन ने इसके लिए पराली प्रबंधन की योजना तैयार की है. योजना का लाभ एफपीओ को मिलेगा. अनुदान पर उन्हें कृषि यंत्र उपलब्ध कराया जाएगा.
कृषि उप निदेशक यशराज सिंह ने बताया कि शासन की तरफ से पहली बार जिले में योजना लागू की गई है. इस योजना में एफपीओ और उनके सदस्यों को सीबीजी प्लांट और अन्य बायोमास आधारित इकाइयों को फसल अवशेष उपलब्ध कराया जाना है. सभी एफपीओ को बताया जाता है कि फसल अवशेष उपलब्ध कराए जाने के लिए लिए प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्वरल मैकेनाइजेशन फॉर इन-सीटू मैनेजमेंट ऑफ क्रॉप रेजीड्यू एवं सब मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन योजना के तहत एफपीओ एवं एफपीओ के अधिकतम 2 सदस्य कृषकों को एग्रीगेटर के रूप में अनुदान पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराने की कार्य योजना मिली है. योजना के तहत एफपीओ लाभार्थी फसल अवशेष प्रबंधन योजना से कस्टम हायरिंग सेंटर (परियोजना लागत रु. 30 लाख) पर लाभ प्राप्त कर सकते हैं. उसी एफपीओ के अधिकतम दो शेयर होल्डर कृषक सदस्य भी एसएमएएम योजना से कस्टम हायरिंग सेंटर (परियोजना लागत रु. 10 लाख) पर अनुदान का लाभ प्राप्त कर सकते हैं. परियोजना लागत 30 लाख पर 80 प्रतिशत व 10 लाख पर 40 प्रतिशत का अनुदान दिए जाने की योजना है. कार्यालय में 2 दिसंबर की शाम 6 बजे तक पंजीकृत डाक भेजें. तय समय के बाद कोई भी आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा.
वैज्ञानिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
स्वच्छ पर्यावरण एवं स्वस्थ जीवन के प्रति वैज्ञानिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजनचार दिसंबर को प्रात 09.30 बजे से श्री महेश्वर इंटर कॉलेज में आयोजित किया जाएगा. कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं के बीच स्वच्छ पर्यावरण एवं स्वस्थ जीवन के प्रति विषय विशेषज्ञों के व्याख्यान एवं प्रायोगिक प्रदर्शन किया जाएगा और छात्र-छात्राएं विषय से संबंधित भाषण, पोस्टर एवं स्लोगन प्रतियोगिता में प्रतिभाग करेंगे. जिला विद्यालय निरीक्षण डा. सर्वदानंद ने जानकारी दी.
भगवान के रूप हैं माता-पिता
वसुंधरा कालोनी अलीगढ़ में चल रही श्री मद भागवत कथा में कथा व्यास आचार्य रामानंद ने यजमान विनोद कुमार पाठक को कथा कथा श्रवण कराते हुए बताया कि घर के भगवान होते हैं माता पिता, जो माता पिता की सेवा नहीं करते. भगवान उनकी पूजा कभी भी स्वीकार नहीं करते हैं. इसके बाद धुंधकारी की कथा सुनाई.