उत्तर प्रदेश

Aligarh: विभागीय सर्तकता से चार साल में 40 फीसदी घटी मातृ मृत्यु दर

Admindelhi1
20 Sep 2024 5:15 AM GMT
Aligarh: विभागीय सर्तकता से चार साल में 40 फीसदी घटी मातृ मृत्यु दर
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लगभग 40 फीसदी मातृ मृत्यु दर में कमी दर्ज

अलीगढ़: जिला मातृत्व स्वास्थ्य के प्रति काफी सचेत हुआ. विभागीय सर्तकता और गर्भवती में बढ़ी जागरूकता से साल दर साल मातृ मृत्यु दर में कमी दर्ज की जा रही है. चार साल में लगभग 40 फीसदी मातृ मृत्यु दर में कमी दर्ज की गई है. जिले में सबसे ज्यादा गर्भवती की मौत जेएन मेडिकल कालेज में हो रही है. उसके बाद छर्रा, अकराबाद और चंडौस ब्लॉक आता है.

सबसे ज्यादा मौतें जेएन मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो 2020-21 में साढ़े 61 हजार महिलाओं का प्रसव हुआ था. जिसमें से 223 महिलाओं की मौत हुई थी. इसमें सबसे ज्यादा 121 मौत जेएन मेडिकल कालेज में हुई थी. वहीं सीएचसी छर्रा में 16, जवां में 14 और बिजौली में 11 गर्भवती की प्रसव के दौरान मौत हुई थी. 2023-24 के आंकड़ों पर गौर करें तो चार साल में मातृ मृत्यु दर में कमी आई. गर्भवती की मौत 123 घट गई. कुल लगभग साढ़े 79 हजार प्रसव में 88 गर्भवती की मौत 2024 में दर्ज की गई. इसमें सबसे ज्यादा 55 जेएन मेडिकल कालेज और अकराबाद और चंडौस में पांच-पांच गर्भवती की मौत प्रसव के दौरान हुई है.

मृत्यु दर का आंकड़ा:

● वर्ष 2020-21 में 223 जेएन मेडिकल कॉलेज-121, छर्रा 16, जवां-14 और बिजौली-11

● वर्ष 2021-22 में 170 जेएन मेडिकल कॉलेज-80, अकराबाद-12, टप्पल- 9

● वर्ष 2022-23 में 124 जेएन मेडिकल कालेज-60, बिजौली-8, जवां-7, टप्पल-7 और चंडौस-7

● वर्ष 2023-24 में 88 जेएन मेडिकल कॉलेज-55, अकराबाद-5 और चंडौस-5 मौतें हुईं.

विभाग की सबसे मजबूत व छोटी कड़ी आशा और 102 एंबुलेंस की भी महत्वपूर्ण भूमिका है. गर्भवती होने के बाद लगातार होने वाली जांच में हाई रिस्क वाली महिलाओं की पहले से ही देखभाल शुरू कर दी जाती है.

-डॉ. राहुल शर्मा, नोडल अधिकारी, एनएचएम

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