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Aligarh: लंग्स संक्रमण के केस आठ गुना रफ्तार से बढ़ रहे
अलीगढ़: एक ओर जहां धुंध की वजह से सांसों पर संकट छाया हुआ है. वहीं स्वास्थ्य विभाग के एनसीडी सेल में सीओपीडी यानि फेफड़ों के संक्रमण की बीमारी आठ गुना रफ्तार से बढ़ गई है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी यह आंकड़ें गंभीर नजर आ रहे हैं.
फेफड़ों की इस बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक करने और इससे बचाव के उपायों को लेकर हर साल महीने के तीसरे विश्व सीओपीडी दिवस मनाया जाता है. सांस समस्याएं वैश्विक स्तर पर गंभीर चिंता का कारण हैं. इसके कारण हर साल स्वास्थ्य क्षेत्र पर अतिरिक्त दबाव भी बढ़ता जा रहा है. क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) ऐसी ही एक बीमारी है जो फेफड़ों और वायुमार्ग को प्रभावित करती है. इस बीमारी के कारण आपका वायुमार्ग अवरुद्ध हो जाता है जिससे सांस लेना मुश्किल हो सकता है. इसमें वायुमार्ग के अंदर सूजन और जलन की दिक्कत भी बढ़ जाती है. अलीगढ़ स्वास्थ्य विभाग के एनसीडी सेल में आठ गुना मरीजों की संख्या में पिछले तीन सालों में इजाफा दर्ज किया गया है. वर्ष 2022 में सीओपीडी के 41, 2023 में 86 और 2024 में 340 मरीजों को उपचार स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिया जा रहा है.
● स्वास्थ्य विभाग के एनसीडी सेल के आंकड़ों में खुलासा
● 2022 में सीओपीडी मरीजों की संख्या 35 से 40 तक थी
● 2024 में मरीजों की 200 के पार पहुंची संख्या
क्या हैं सीओपीडी के लक्षण
● सांस लेने में परेशानी.
● सांस लेते में घरघराहट, सीटी जैसी आवाज.
● अधिक बलगम वाली खांसी आना.
● सीने में जकड़न या भारीपन महसूस होना.
● बहुत ज्यादा थकान महसूस होना.
● बार-बार फेफड़ों में संक्रमण होना.
● टखनों, पैरों या टांगों में सूजन.
पुरुषों की संख्या अधिक
स्वास्थ्य विभाग के एनसीडी सेल में उपचार ले रहे मरीजों में पुरुषों की संख्या अधिक हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक यह समस्या 50 से अधिक के उम्र लोगों में देखने को मिलती है. आंकड़ों के मुताबिक 2022 में 27 पुरुष और 14 महिलाएं दर्ज की गई. वर्ष 2023 में पुरुष 52 और 34 महिलाओं ने उपचार लिया. वहीं 2024 में पुरुष और महिलाओं की संख्या में चार गुना इजाफा दर्ज किया गया. 2024 में 209 पुरुष और 131 महिलाओं को उपचार दिया जा रहा है.