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Aligarh: कोविड के बाद सात फीसदी बढ़ी फेफड़ों की बीमारी
उत्तरप्रदेश: कोविड संक्रमण ने फेफड़ों को बुरी तरह क्षतिग्रस्त किया था. दूसरी लहर में इसके परिणाम भी सामने आए थे. यह असर अभी तक कायम है. इसके कारण ‘एक्सटेंसिव लंग्स पेरेन्काइमल डिजीज’ करीब 7.0 फीसदी बढ़ गई है. यानि पहले गंभीर टीबी और बाद में फेंफड़ों का कैंसर हो रहा है.
एसएन मेडिकल कालेज में रेस्पेरेटरी मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ चेस्ट फिजीशियन डा. संतोष कुमार के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर में फेफड़े क्षतिग्रस्त होने पर लोग सांस नहीं खींच पा रहे थे. शरीर में आक्सीजन की मात्रा बेहद कम रह गई. इस कारण तमाम लोगों की मौत हुई थी. इसी तरह की दिक्कतें अब पोस्ट कोविड फाइब्रोसिस के मरीजों मंण सामने आ रही हैं. यानि कोरोना काल में जिनके फेंफड़े कमजोर हुए थे अब उनके फेंफड़े क्षतिग्रस्त निकल रहे हैं.
शरीर में आक्सीजन का स्तर कभी भी बेहद कम हो जाता है. सांस की दिक्कतें ज्यादा बढ़ने पर जांच कराई जाती है. जिसमें इन्हें गंभीर टीबी पाई गई है. लगातार इलाज के बाद भी राहत न मिलने पर कैंसर की जांच कराई गई. बीते साल टीबी के ऐसे ही गंभीर मरीजों में से 25 को फेफड़ों का कैंसर निकला है. इसमें 80 फीसदी वे लोग हैं जो 20 साल या इससे भी अधिक समय से धूम्रपान कर रहे हैं. डा. संतोष के मुताबिक पहले भी इस तरह के मरीज आते थे लेकिन कोरोना के बाद इनमें करीब सात फीसदी की बढ़ोतरी हो गई है.
तंबाकू से कैंसर:
गाल का कैंसर- 38 प्रतिशत
जीभ का कैंसर- 14 प्रतिशत
लारेंस (आवाज निकालने वाले यंत्र) का कैंसर- 16 प्रतिशत
आगरा का हाल
पंजीकृत मरीज- 1820
मुंह-गले का कैंसर- 1100
ब्रेस्ट कैंसर 130
सर्वाइकल कैंसर- 100
फेंफड़ों का कैंसर- 80
अन्य कैंसर- 400
(एसएनएमसी के कैंसर विभाग में जनवरी 2023 से दिसंबर 2023 तक के आंकड़े)
कैंसर हर हाल में खुद की गलतियों से ही होता है. सिगरेट, तंबाकू, शराब जैसी गलत आदतों का तत्काल त्याग करना ही ठीक है. साथ ही इसके लक्षणों पर भी ध्यान देना चाहिए. मुंह में अधिक समय तक गांठ, दाने, फफोले होने पर तत्काल डाक्टर को दिखाएं. महिलाएं ब्रेस्ट की जांच कराते रहें.
डा. सुरभि मित्तल, वरिष्ठ कैंसर विशेषज्ञ एसएनएमसी.
बीते तीन-चार सालों में लोगों के फेंफड़े आश्चर्यजनक रूप से बहुत कमजोर हो गए हैं. कोविड के बाद गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त फेंफड़ों के मरीजों में सात प्रतिशत का इजाफा हुआ है. इनमें से अति गंभीर लोगों को कैंसर निकल रहा है. इसलिए जरा सी दिक्कत होने पर जांच कराकर इलाज शुरू कराएं.
डा. संतोष कुमार, सीनियर चेस्ट फिजीशियन, एसएनएमसी.
अलीगढ़