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Aligarh: भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस नीति को पलीता लगा रहे लेखपाल
अलीगढ़: डेस्क सरकार की जीरो टोलरेंस नीति को जिले के लेखपाल पलीता लगाते नजर आ रहे हैं. इस एक वर्ष में रिश्वतखोरी के आरोप में लेखपालों को रंगेहाथ पकड़ने की घटनाओं के आंकड़े तो यही गवाही दे रहे हैं. जिसमें सबसे बड़ी घटना धनीपुर एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण में मुआवजे के नाम पर किसान से रिश्वत लेते लेखपाल की गिरफ्तारी की है. ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि अगर सरकारी सिस्टम की सबसे निचली सीढ़ी लेखपाल वर्ग में ही भ्रष्टाचार नहीं रुक पा रहा तो फिर जीरो टोलरेंस नीति का क्या फायदा?
प्रशिक्षण काल के 65वें दिन दबोचा गया लेखपाल गभाना तहसील के गिरफ्तार प्रशिक्षु लेखपाल गीतम सिंह की गिरफ्तारी अपने प्रशिक्षण काल के 65वें दिन हो गई. यानि अभी पूरी तरह नौकरी शुरू नहीं हो पाई.
इस लेखपाल का प्रशिक्षण नौ सितंबर से शुरू हुआ था. मूल रूप से इगलास निवासी इस लेखपाल को को किसान दुर्घटना बीमा योजना के आवेदन पर रिपोर्ट लगाने के मामले मंस दस हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया. उसे मेरठ स्थित भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट में पेश किया गया. बाद में मेरठ जेल दाखिल कर दिया गया.
टोल फ्री नंबर पर आए दिन पहुंचतीं शिकायतें इस वर्ष का यह ग्यारहवां माह चल रहा है. एंटी करप्शन टीम के टोल फ्री नंबर पर आए दिन इस संबंध में शिकायतें पहुंचती हैं, जिसमें सर्वाधिक शिकायतें राजस्व विभाग से संबंधित हैं. इसी का नतीजा है कि अब तक इस वर्ष में राजस्व से संबंधित पांच मामलों में लेखपालों व अमीन की गिरफ्तारी हुई है. यह आंकड़ा खुद ही जीरो टोलरेंस नीति को पलीता लगाता नजर आ रहा है.
धनीपुर मामले में गिरफ्तार लेखपाल पर चार्जशीट: धनीपुर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण का काम चल रहा था. तभी किसानों को मुआवजा देने के नाम पर उनसे रिश्वत लेने की शिकायतें एंटी करप्शन टीम व विजिलेंस तक पहुंची थीं. इसी क्रम में फरवरी माह में लेखपाल नारायन प्रताप सिंह को डेढ़ लाख की रिश्वत लेते दबोचा गया था. इस मामले में विजिलेंस टीम ने नारायन प्रताप सिंह के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी है. हालांकि मामले में जांच करते हुए तहसील के कुछ अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों की भूमिका पर सवाल उठे थे. जिनके खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन से अनुमति मांगी गई है. वहां से अनुमति मिलने के बाद ही आगे कदम उठाया जाएगा. अधिकारियों के अनुसार इस तरह की सख्त कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी.
रिश्वत लेने वाले प्रशिक्षु लेखपाल की एसडीएम स्तर से रिपोर्ट आने के बाद सस्पेंड किए जाने व आरोप पत्र जारी करने की कार्यवाही की जाएगी.
पंकज कुमार, एडीएम प्रशासन
पहले भी हो चुकी है इन पर कार्रवाई
● 05 फरवरी 2024 कोल तहसील में तैनात लेखपाल नारायण प्रताप सिंह को आगरा विजिलेंस ने दबोचा.
● 31 मई 2024 तहसील इगलास में संग्रह अमीन सौदान सिंह को एंटी करप्शन टीम ने दबोचा.
● 28 अगस्त 2024 तहसील इगलास के लेखपाल सिपाही सिंह यादव को एंटी करप्शन टीम ने पकड़ा.
● 13 सितंबर 2024 तहसील खैर के लेखपाल सोरन सिंह को एंटी करप्शन टीम ने गिरफ्तार कर जेल भेजा.
● 12 2024 तहसील गभाना के प्रशिक्षु लेखपाल गीतम सिंह को एंटी करप्शन टीम ने गिरफ्तार कर जेल भेजा.
दरोगा भी दबोचा गया था पिछले वर्ष: एंटी करप्शन टीम ने पिछले वर्ष 26 अगस्त को गांधीपार्क में तैनात दरोगा रामविरेश यादव को विवेचना में लाभ पहुंचने के नाम पर दस हजार रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा था.