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Aligarh: अपहणकर्ताओं ने रामपुर में एटीएम से पैसे निकालने की कोशिश की
अलीगढ़: आरोपियों के चंगुल से छूटे अपहृत मैनेजर अभिनव भारद्वाज ने पुलिस को बताया कि अपहणकर्ताओं ने रात उन्हें गाड़ी में बैठाया. उस समय कहा कि तुम्हारे परिजन पैसे लेकर आ रहे हैं. अभिनव के अनुसार गाड़ी में उसे लेकर चार आरोपी गोलू ठाकुर उर्फ यश, गौरव, विक्की और विशाल कुमार उर्फ लाटा बैठे थे. जबकि सूजल और करण बिष्ट स्कूटी पर थे. तीन अन्य आरोपी दूसरे किसी वाहन से थे. आरोपी अभिनव को लेकर देर रात रामपुर पहुंचे. वहां अभिनव के एटीएम कार्ड लिया और कहा कि पिन बताओ पैसे निकालने हैं. इसके बाद एटीएम बूथ में जाकर पैसे निकालने की कोशिश किए. अभिनव ने उन्हें गलत पिन बता दिया था, जिस कारण एटीएम से पैसे नहीं निकले. अभिनव के अनुसार पैसे न निकलने पर आरोपियों ने उनके साथ मारपीट की.
चार लोग अपहण किए, पांच मांग रहे थे फिरौती मुठभेड़ के बाद एसटीएफ नोएडा और हाथरस एसओजी के हत्थे चढ़े स्कूटी सवार अपहरण के आरोपी अल्मोड़ा के कोवताली क्षेत्र के कनेली निवासी सूरज कुमार और मालगांव निवासी करण बिष्ट ने पुलिस को अपहरण की पूरी कहानी बताई. दोनों ने एसटीएफ की पूछताछ में बातया कि बुलंदहशर के छतारी थाना क्षेत्र के सहार निवासी गोलू ठाकुर उर्फ यश, पुत्र हरिगोपाल, प्रशांत पुत्र महेश व गौरव पूत्र भूरा सिंह और हाथरस के हरीसा निवासी गोलू उर्फ अंशुल पुत्र नेक सिंह मैनेजर अभिनव भारद्वाज का अपहरण किया था. चारों अपहरण के बाद स्विफ्ट कार से ही उसे अल्मोड़ा पहुंचा दिए थे.
तीन दिन तक अल्मोड़ा में एक कमरे में रखा बंद
हाथरस से अपहृत जियो फाइबर कंपनी के मैनेजर अभिनव भारद्वाज मूल रूप से बिहार के बेगूसराय के रहने वाले हैं. वह परिवार सहित हाथरस के अलीगढ़ रोड स्थित नवल नगर गली नंबर-4 में रहते हैं. आरोपियों के चंगुल से छूटने के बाद अभिनव ने एसटीएफ नोएडा और एसओजी हाथरस की टीम को आपबीती सुनाई. उन्होंने बताया कि एक को चार लोग हाथरस के सिकंदरा राव से उनका अपहरण किए थे. वहां से स्विफ्ट कार में डाल कर एक को ही रात में अल्मोड़ा लेकर पहुंच गए थे.
वीडियो कॉल की गई
अल्मोड़ा में एक कमरे में अभिनव को बंधक बनाकर रखा गया. अभिनव के अनुसार वहां पांच लोग उन्हें बंधक बनाकर उनके साथ मारपीट करते थे. उनसे ही मोबाइल फोल लेकर उनके घर वालों को वाट्सएप पर वीडियो कॉल करके पैसे मांगते थे. अभिनव के अनुसार उन्हें दिन में केवल एक या दो बार ही खाने को कुछ देते थे. टॉयलेट जाते थे तो भी दो-तीन बदमाश पीछे लगे रहते थे.