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अलीगढ़: स्वास्थ्य विभाग में हर साल नवीनीकरण को लेकर गणेशपरिक्रमों करने वाले अस्पताल संचालकों और चिकित्सकों को शासन ने बड़ी राहत प्रदान की है. चिकित्सा एंव स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक ने निजी अस्पतालों के पंजीकरण के नवीनीकरण की प्रक्रिया का सरलीकरण कर दिया है.
अब पंजीकृत अस्पतालों के संचालकों का मात्र एक शपथ पत्र से ही नवीनकरण हो जाएगा. जिसकी जांच सीएमओ की टीम के साथ कर नवीनीकरण प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा. यानी भारी भरकम अभिलेख के साथ ही प्रदूषण व अग्निशमन विभाग के एनओसी आदि से मुक्ति मिल गई. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. बृजेश राठौर ने बड़ी राहत देते हुए नवीनीकरण की प्रक्रिया को मात्र औपचारिक कर दिया है. शासन ने कहा है कि पूर्व से पंजीकृत अस्पताल, जिनका न तो नाम बदला है और न ही स्थान, डाक्टर व स्टाफ भी पंजीकरण के समय के हैं, तो उन्हें नवीनीकरण के लिए यह सारे अभिलेख नहीं देने पड़ेंगे. यही नहीं इसके लिए उन्हें प्रदूषण नियंत्रण व अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र भी नहीं लेना होगा. सिर्फ नवीनीकरण के कागजात और शपथ पेत्र सीएमओ कार्यालय मं जमा करना होगा. नोडल अधिकारी के द्वारा जांच कर उनका नवीनीकरण कर दिया जाएगा.
अगर कुछ बदलाव हुआ है तो करना होगा नवीनीकरण
एसीएमओ ने बताया कि पंजीकृत अस्पताल का नाम, स्थान, सुविधा, डाक्टर व स्टाफ में अगर कोई बदलाव हुआ या फिर डाक्टर ने कोई अतिरिक्त डिग्री ली है, तो नवीनीकरण कराना होगा. इसके लिए उन्हें वहीं कार्य करने होंगे जो पहले प्रक्रिया है.
स्वास्थ्य महानिदेशक ने निजी अस्पतालों को बड़ी राहत दी है. हर साल अप्रैल में अस्पताल संचालकों का पूरा समय केवल नवीनीकरण की प्रक्रिया में चला जाता था. अब यथास्थिति का शपथ पत्र देने मात्र से नवीनीकरण हो जाएगा.
डॉ. भरत, पूर्व सचिव, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन
शासन का आदेश आया है कि पंजीकृत अस्पतालों की सुविधा, नाम, स्थान, डाक्टर व स्टाफ में कोई बदलाव नहीं हुआ है तो उन्हें नवीनीकरण की पुरानी प्रक्रिया पूरी करने की जरूरत नहीं है. मात्र शपथ पत्र से ही कार्य होगा. इस आदेश पर अमल शुरू कर दिया गया है.
डॉ. दिनेश खत्री, एसीएमओ