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Aligarh: शासन ने अलीगढ़ शहर में मास्टर प्लान के लिए अनुमति प्रदान की
अलीगढ़: महानगर की 15 लाख आबादी के लिए अच्छी खबर है. शासन ने अलीगढ़ शहर में मास्टर प्लान के लिए अनुमति प्रदान कर दी है. मास्टर प्लान जल निकासी को लेकर तैयार किया जाएगा. शहर के विकास की दिशा में प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. निकाय बनने के बाद पहली बार मास्टर प्लान बनेगा. मास्टर प्लान बनाने के लिए सीएंडडीएस ने टेंडर जारी कर दिया है. शहर दशकों से जलभराव की समस्या झेल रहा है, लेकिन आने वाले समय में छुटकारा मिल जाएगा.
नगर पालिका बनने के बाद ही अलीगढ़ में जलभराव की समस्या कायम है. नगर निगम बनने के बाद पांच मेयर बदल गए, लेकिन शहर के जलभराव की समस्या का निराकरण नहीं हो पाया. जलभराव की समस्या लोकसभा, विधानसभा चुनाव में मुद्दा भी बनता रहा. इसी के दम पर नगरीय क्षेत्र के मतदाता वोट भी करते थे. लेकिन जलभराव की समस्या से अलीगढ़ वालों को निजात नहीं मिल पाई. 2023 में भाजपा से मेयर निर्वाचित होने के बाद प्रशांत सिंघल ने जलभराव को लेकर शासन में मास्टर प्लान तैयार कराने का प्रस्ताव दिया. मास्टर प्लान के प्रस्ताव को शासन ने अनुमोदित कर दिया. मास्टर प्लान बनाने की प्रक्रिया आगे बढ़ गई है. शासन ने कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज (सीएंडडीएस) को इसकी जिम्मेदारी दी है. शहर का मास्टर प्लान तैयार कराने के लिए सीएंडडीएस ने टेंडर जारी कर दिया है. सबसे कम दरों पर जो एजेंसी मास्टर प्लान तैयार करने का टेंडर डालेगी उसी को काम दिया जाएगा. सीएंडडीएस की मानें तो मास्टर प्लान के सर्वे तीन माह से अधिक समय लगेगा. नगर निगम सीमा तक इसका सर्वे होगा.
1893 में मिला था नगर पालिका का दर्जा: साल 1893 में अलीगढ़ को नगर पालिका का दर्जा मिला था. इसके बाद 1995 में नगर निगम का दर्जा मिला. नगर निगम बनने के बाद लगातार चार बार भाजपा समर्थित मेयर निर्वाचित हुए थे. पहली बार 1995 में आशुतोष वार्ष्णेय प्रमथ मेयर निर्वाचित हुए थे. 2017 तक भाजपा के मेयर का नगर निगम पर कब्जा रहा. 12 दिसंबर 2017 में बसपा ने उलटफेर कर नगर निगम पर कब्जा जमाया था. 2023 में फिर भाजपा से मेयर प्रशांत सिंघल मेयर पद पर निर्वाचित हुए.
जल निकासी के सभी बिन्दुओं को किया जाएगा शामिल: नगर निगम का दायरा 2023 के निकाय चुनाव से पहले 60 स्क्वायर किलोमीटर था जो अब 100 स्क्वायर किलोमीटर को पार कर चुका है. पहले 70 वार्ड थे और अब 90 वार्ड हो गए हैं. कोल विधानसभा का अधिकांश हिस्सा नगर निगम में आता है. अनुमानित आबादी 15 लाख से अधिक है. मास्टर प्लान में अलीगढ़ की भौगोलिक स्थिति के अनुसार सर्वे होगा. वार्डवार नाले, नालियों व ड्रेन का सर्वे होगा. बारिश के अलावा सामान्य दिनों में ड्रेनेज सिस्टम किस तरह से बेहतर होगा इस पर काम किया जाएगा. नगर निगम सीमा में 250 से अधिक छोटे-बड़े नाले हैं. मास्टर प्लान में अधिकांश नालों का नए सिरे से निर्माण होगा.