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Aligarh: जल निकासी का प्रोजेक्ट नगर निगम व एजेंसी की खींचतान में लटका
अलीगढ़: जल निकासी को लांच किए प्रोजेक्ट को दो स्थानों पर नगर निगम अभी तक जमीन महुैया नहीं करा पाया. निर्माण एजेंसी सीएंडडीएस ने जमीन को लेकर नगर निगम को पत्र लिखा है. छर्रा अड्डा व पला तालाब के पास दो स्थानों पर जमीन को लेकर रुकावट बनी हुई है. नगर निगम के अफसरों ने कहा कि जमीन निर्माण एजेंसी को दी जा चुकी है. जबकि एजेंसी ने इनकार कर दिया.
दरअसल शहर की जल निकासी को लेकर स्मार्ट सिटी के तहत 62 करोड़ रुपये से प्रोजेक्ट लांच किया गया है. दो साल से अधिक हो गए हैं. लेकिन अभी तक काम पूरा नहीं हो पाया है. निर्माण का जिम्मा सीएंडडीएस के पास है. आगरा रोड व मैरिस रोड पर काम चल रहा है. आगरा रोड का काम पूरा हो चुका है. इसको जल्द ही चालू कर दिया जाएगा. मैरिस रोड पर काम बंद करा दिया गया था, जिसको अब दोबारा चालू करा दिया गया है. छर्रा अड्डा व पला तालाब के पास पंपिंग स्टेशन व संपवेल बनना है. लेकिन यहां पर निर्माण एजेंसी का आरोप है कि नगर निगम जमीन नहीं दे पा रहा है. जबकि नगर निगम के अफसरों का तर्क है जमीन उपलब्ध करा दी गई है. निर्माण एजेंसी व नगर निगम अफसरों के बीच चल रही खींचतान में प्रोजेक्ट लटका हुआ है. बारिश में हर बार जलभराव को लेकर फजीहत झेलनी पड़ती है. जमीन फाइनल नहीं होने के कारण दोनों स्थानों पर एजेंसी काम शुरू नहीं कर पाई है. यह प्रोजेक्ट पहले ही दो साल से लंबित चल रहा है. ऐसे में अब जमीन को लेकर बाधा पैदा हो गई है.
जमीन मिलने से किया इनकार: सीएंडडीएस के प्रोजेक्ट मैनेजर एसके दोहरे ने बताया कि छर्रा अड्डा व पला तालाब पर जमीन नगर निगम ने अभी तक उपलब्ध नहीं कराई है, जिसको लेकर काम शुरू नहीं हो पाया है. पला तालाब के पास नगर निगम ने तालाब में संपवेल बनाने के लिए कहा जो संभव नहीं है. तालाब में निर्माण कार्य होगा तो लागत बढ़ेगी और भराव अधिक होगा. निर्माण के लिए मजबूत जमीन की आवश्यकता है. जमीन को लेकर नगर निगम को पत्र भी लिखा गया है.
एजेंसी को जमीन उपलब्ध कराई: चीफ इंजीनियर व स्मार्ट सिटी के कार्यकारि अधिकारी सुरेश चंद्र ने बताया कि छर्रा अड्डा पर पंपिंग स्टेशन बनना है और पाइप लाइन के माध्यम से पानी जाफरी ड्रेन में जाएगा. वहां पर सीएडंडीएस को जमीन दे दी गई है. एक मकान को लेकर व्यवधान आया था, लेकिन व्यक्ति को खाली करने के लिए कहा गया था. उसी स्थान पर निर्माण होना है. पला तालाब के पास भी जमीन दी गई थी. पहले सीएंडडीएस ने दोनों स्थानों की जमीन देखी थी और फाइनल की थी. जमीन को लेकर कोई समस्या नहीं है.