उत्तर प्रदेश

अलीगढ़ आराम की उम्र में कर रहे समाजसेवा, कहानियों से सीख लेकर सामाजिक जुड़ाव से जुड़े

SANTOSI TANDI
3 Oct 2023 5:59 AM GMT
अलीगढ़ आराम की उम्र में कर रहे समाजसेवा, कहानियों से सीख लेकर सामाजिक जुड़ाव से जुड़े
x
कहानियों से सीख लेकर सामाजिक जुड़ाव से जुड़े
उत्तरप्रदेश एक उम्र के बाद हर कोई रिटायरमेंट लेकर बुढ़ापे का जीवन आराम से बिताना चाहता है. पर अलीगढ़ के कुछ बुजुर्ग ऐसे है जो 75 उम्र में लोगों के लिए नजरी बन गए. कोई सुबह उठकर गली मोहल्लों की स्ट्रीट लाइट को बंद करता है. तो कोई अलग अलग संस्थाओं से जुड़कर गरीबों की स्कूल फीस तो शिक्षा देने का कार्य कर रहा. इतना ही नहीं इन बुजुर्गों की जुगलबंदी नेत्रदान और देहदान से कई लोगों की जिंदगी रौशन कर दी. तीनों ही अब अलीगढ़ में देहदान कर्तव्य संस्था चला रहे हैं. जिसके सैकड़ों सदस्य कुछ ही सालों में बन गए हैं.
घटनाओं से सीख लेकर सामाजिक सरोकार से जुड़े 1942 में जन्में राजाराम की जिस उम्र में घर में रहकर आराम करना चाहिए. इस उम्र में वह प्रतिदिन सामाजिक सरोकार में अपना समय बिता रहे हैं. देहदान संस्था के संरक्षक राजाराम मित्र बताते हैं. एक दिन ऐसे ही आपस में ऋषि दधिचि की कहानी का वर्णन हो रहा था. तब दिमाग में आया कि अंगदान, नेत्रदान देहदान से भी दूसरों को खुशी दी जा सकती है. उसके बाद इन लोगों ने मेडिकल कॉलेज की टीम से संपर्क किया. जिसके बाद देहदान संस्था नियमित नेत्रदान और देहदान कराती आ रही है.
स्ट्रीट लाइट व जल संरक्षण पर रोज करते हैं काम
अलीगढ़ डॉ. एसके गौड़ की कहानी अलग है. करीब 70 वर्ष की उम्र में तीन किलोमीटर प्रतिदिन टहलते हैं. इस दौरान गलियों के पोल पर लगी सभी स्ट्रीट लाइट को बंद करते हैं. कोई पानी की बर्बादी कर वाहनों को धोता है उसे रोकते हैं. स्मोकिंग कर रहे मजदूरों रोकते हैं. यही नहीं देहदान संस्था अध्यक्ष के डॉ. एसके गौड़ संस्था की ओर से स्कूल कॉलेज नियमित जागरुकता कैंपेन चलाते हैं. इसी बदौलत अभी तक 45 से अधिक नेत्रदान और 12 देहदान अलग अलग मेडिकल कॉलेज को करा चुके हैं. यही नहीं प्रतिदिन 30 मिनट तक निशुल्क दवा वितरण और दूसरे रविवार को कैदियों का उपचार मुफ्त करते हैं.
गरीबों की शिक्षा पर काम कर रहे वर्मा
प्रतिदिन अपना काम करने के बाद जहां हर कोई आराम के लिए घर रवाना हो जाता है. पर अलीगढ़ के 77 वर्षीय डॉ. डीके वर्मा की दिनचर्या अलग है. डॉ. वर्मा प्रतिदिन चार घंटे अपनी ओपीडी देखते हैं. इसके बाद का समय हैंड्स फॉर हेल्प संस्था, वात्सल्य संस्था के संस्था के साथ जुड़कर गरीबों शिक्षा, आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के उपचार में मदद, गरीब को भोजन के साथ साथ कई सामाजिक कार्यों में अपना योगदान देते हैं. इसके अलावा वह डायलेसिस के मरीजों का उपचार, हाइपर टेंशन और सुगर का अच्छा उपचार करते हैं.
Next Story