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Aligarh: ई-चालान के माध्यम से सड़क सुरक्षा को मजबूत करने की अपील
अलीगढ़: सड़क सुरक्षा को मजबूत करने और सड़क हादसों को रोकने के लिए अधिवक्ता केसी जैन ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त सड़क सुरक्षा समिति को याचिका भेजी है. इसमें उन्होंने विभिन्न ऑनलाइन पोर्टल जैसे वाहन, सारथी आदि से उपलब्ध जानकारी का उपयोग करने का सुझाव दिया है. जैन का कहना है कि वर्तमान में इन विवरणों का अलग-अलग पोर्टल्स पर होना, निगरानी और प्रवर्तन में कठिनाई पैदा करता है. यदि इसे एकीकृत कर दिया जाए, तो सड़क सुरक्षा नियमों का पालन सख्ती से हो सकेगा और बिना वैध दस्तावेजों वाले वाहनों की पहचान सरल हो जाएगी.
सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम के तहत नियम 167-क के प्रभावी कार्यान्वयन को राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों की जिम्मेदारी बताया है. न्यायमूर्ति अभय मनोहर सपरे की अध्यक्षता वाली सड़क सुरक्षा समिति से यह भी अनुरोध किया गया है कि वे विभिन्न पोर्टल्स का डेटा एकीकृत कर ई-चालान प्रणाली लागू करें और बिना बीमा, पीयूसीसी या स्पीड गवर्नर वाले वाहनों को तत्काल रोका जाए. समिति से यह भी कहा गया है कि वे सर्वोच्च न्यायालय में लंबित सड़क सुरक्षा प्रकरण में अपनी रिपोर्ट भेजें ताकि आवश्यक निर्देश दिए जा सकें.
कहां गए स्पीड गवर्नर
पंजीकृत ट्रान्सपोर्ट वाहनों की संख्या 2.18 करोड़ है जिसमें से मात्र 10.70 लाख ट्रांसपोर्ट वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाए गए हैं. यह कुल पंजीकृत वाहनों के सापेक्ष में 4.90 प्रतिशत ही ट्रान्सपोर्ट वाहनों ने स्पीड गवर्नर लगाये हुये हैं. केन्द्रीय मोटर वाहन नियमावली के नियम 118 के अनुसार ट्रान्सपोर्ट वाहनों को स्पीड गवर्नर लगाना अनिवार्य है.
आज के समय में सड़क सुरक्षा के लिए विभिन्न पोर्टलों पर उपलब्ध ई-डेटा का एकीकरण और आधुनिक तकनीक का उपयोग अत्यंत आवश्यक है. यदि हम उपलब्ध आंकड़ों को प्रभावी रूप से जोड़कर उनका उपयोग करें, तो सड़क पर अनुशासन और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है. यह कदम न केवल हादसों को कम करेगा, बल्कि सड़क सुरक्षा के नियमों का सख्ती से पालन भी करवाएगा.
केसी जैन, अधिवक्ता
बढ़ रहे हादसे
हाल में लोकसभा में बताया गया कि वर्ष 2023 में 4,80,583 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गई. जिनमें 1,72,890 लोगों की मौत हो चुकी है. उत्तर प्रदेश सड़क दुर्घटना मृत्यु के मामले में सबसे आगे है, जहां 23,652 मौतें हुईं, जो कुल मौतों का 13.7 प्रतिशत है. शहरों में, दिल्ली में सबसे अधिक 1,457 मौतें हुईं. वर्ष 2022 में, 4,61,312 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें 1,68,491 लोगों की मृत्यु हुई.