उत्तर प्रदेश

आगरा के एकलव्य स्टेडियम में कभी नहीं लगेगा ताला: खेल निदेशक

Shantanu Roy
3 Nov 2022 11:24 AM GMT
आगरा के एकलव्य स्टेडियम में कभी नहीं लगेगा ताला: खेल निदेशक
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बड़ी खबर
आगरा। आगरा के एथलीट्स के लिए प्रैक्टिस हेतु शहर में एकमात्र स्टेडियम मौजूद है। यह संपत्ति रक्षा संपदा विभाग की है जो कि खेल विभाग को 90 साल की लीज पर मिली हुई थी। बीते दिनों इसकी मियाद खत्म हो गई। अब खिलाड़ियों के लिए शहर के एकमात्र एकलव्य स्टेडियम स्टेडियम पर भारत सरकार के रक्षा संपदा विभाग द्वारा कभी भी ताला जड़ा जा सकता है। यह खबर लगातार सुर्खियां बनी हुई है और इस खबर ने खिलाड़ियों में एक बेचैनी सी पैदा कर दी है। इस पूरे मामले को लेकर यूपी खेल निदेशक आरपी सिंह से वार्ता हुई तो उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम पर ताला नहीं लगेगा। स्टेडियम की भूमि की लीज बढ़ाने के लिए रक्षा संपदा विभाग और सरकार दोनों को पत्र लिखा गया है। आपको बताते चलें कि आगरा का एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम जिस भूमि पर बना हुआ है वह रक्षा संपदा विभाग की है। खेल विभाग की ओर से रक्षा संपदा विभाग से इस भूमि को लीज पर लिया गया था। स्टेडियम बनने के बाद प्रतिदिन हज़ारों खिलाडी प्रैक्टिस के लिए यहां पर आते हैं और अपने हुनर को निखारते हैं। वही विभिन्न संगठनों द्वारा स्टेडियम में खेल प्रतियोगिता भी कराई जाती है लेकिन अब इस स्टेडियम की लीज की अवधि पूरी हो गई है जिससे इस स्टेडियम पर ताला लगने का खतरा मंडराने लगा है। यूपी के खेल निदेशक आरपी सिंह के आगरा आगमन पर मीडिया ने एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम में ताला जड़ने की खबर को लेकर खास बातचीत की। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि स्टेडियम पर ताला लग जाए ऐसी नौबत नहीं आने दी जाएगी।
आगरा का एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम में 90 साल की लीज पर मिला था, जिसका हर 30 साल बाद रिन्यूअल होता है। यह सरकारी प्रक्रिया है। एक बार फिर इस स्टेडियम की जमीन की लीज सभी फॉर्मेलिटीज पूरी कर दी गई है। खेल निदेशक आरपी सिंह ने बताया कि आगरा में अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम को लेकर भी कवायदें चल रही है। अगर सब ठीक-ठाक रहा तो जमीन भी मिल जाएगी। अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम के लिए सबसे बड़ी समस्या जमीन का उपलब्ध न होना है। आगरा में अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम बने इसको लेकर खेल विभाग भी पूरी तरह से जुटा हुआ है। जैसे ही जमीन उपलब्ध होगी सभी प्रक्रिया पूरी की जाएगी। उन्होंने उत्तर प्रदेश में खेलों के प्रोत्साहन एवं खिलाड़ियों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पटल पर पहुंचाने के लिए कहा कि सरकार एथलीट्स को सर्वश्रेष्ठ सुविधाएं देकर उनको प्रशिक्षण उपलब्ध करा रही है। उन्होंने प्रशिक्षकों की नियुक्ति को लेकर भी कहा कि उत्तर प्रदेश शासन की जो भी नियमावली है उसी के अनुसार उनकी नियुक्त की जाती है। सरकार का प्रयास है कि खिलाड़ियों को अनुभवी एवं नियमों के अनुसार सर्वश्रेष्ठ कोच उपलब्ध कराए, जिसके लिए खेल विभाग प्रतिबद्ध है। खेल निदेशक आरपी सिंह से जब पूछा गया कि सूबे में खिलाड़ियों को स्पर्धा में खेलने के लिए नहीं मिल रहीं तो इस पर उनका कहना था कि प्रतियोगिताओं को आयोजित करना खेल संघों का काम है। खेल विभाग सिर्फ समन्वय का काम करता है। खेल विभाग के माध्यम से जो भी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं वह लगातार पूर्व से ही संचालित हैं।
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