उत्तर प्रदेश

Agra: एक पखवाड़े में गेहूं के दामों में 300 रुपये कुंतल की वृद्धि हुई

Admindelhi1
26 Nov 2024 7:06 AM GMT
Agra: एक पखवाड़े में गेहूं के दामों में 300 रुपये कुंतल की वृद्धि हुई
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नाश्ते-खाने पर भी गेहूं में आई तेजी का असर

आगरा: एक पखवाड़े में गेहूं के दामों में 300 रुपये कुंतल की वृद्धि ने कारोबार का परिदृश्य ही बदल दिया है. बाजार में सभी किस्म के आटा महंगे हो गए हैं. इस समय आटे का थोक में न्यूनतम रेट 36 रुपये किलो है. रिटेल दुकान से आटा खरीदा जाए तो भाव 38 से 40 रु किलो मिलने जा रहा है.

आटा ही नहीं गेहूं की पिसाई से उपलब्ध होने वाले सूजी और मैदा के दाम भी बढ़ चुके हैं. प्रति किलो तीन रुपये की वृद्धि है. आटा, मैदा और सूजी की महंगाई ने कई ढाबों पर रोटी को महंगा कर दिया है. सुविधा के अनुसार एक से दो रुपये प्रति रोटी दाम बढ़ाए गए हैं. मैदा से बनने वाले समोसे में भी वृद्धि हो गई है. दयालबाग सौ फुटा रोड पर इस समय समोसा दस से बढ़कर 12 रुपये का हो गया है. दस फीसदी की इस वृद्धि से सभी किस्म के बेकरी उत्पादों पर 10 से 30 फीसदी की वृद्धि हो गई है. सुबह चाय के साथ प्रयोग होने वाले टोस्ट पर वृद्धि 25 फीसदी से ज्यादा की है. सभी कंपनियों की ब्रेड पर दस से बीस फीसदी की वृद्धि हो चुकी है.

गेहूं की महंगाई का मुख्य कारण स्टॉक में कमी बताया जा रहा है. इस बार उपज कमजोर रहने से मिलों के पास गेहूं पर्याप्त मात्रा में नहीं रहा. बाजार में भी गेहूं की होल्डिंग अपेक्षा से कम ही रही. आटे की आवश्यकता की पूर्ति के लिए आगरा की मिलें ललितपुर में आढ़तियों पर निर्भर हैं.

चने की हवा निकली

महंगाई के रथ पर सवार चने को यह ताज अधिक समय तक नहीं मिल सका. बाजार में मटर के स्टॉक बड़ी तादाद में आने के कारण इसको चने का विकल्प मान लिया गया. नमकीन और बेसन निर्माताओं द्वारा बड़े पैमाने पर मटर के उपयोग ने चने की हवा ही निकाल दी. हालात ऐसे हुए कि चना दाल का थोक दाम 96 रुपये से कम होकर 80 रुपये किलो के स्तर पर आ गया.

जयप्रकाश अग्रवाल, अध्यक्ष, आगरा व्यापार समिति

एलपीजी से भी महंगाई

जुलाई में 19 किलो गैस के व्यावसायिक सिलेंडर की रीफिल 1693 रुपये की पड़ रही थी. महीने में यही रीफिल 1855.50 रुपये की हो चुकी है. दुकानदार कहते हैं कि 162 रुपये की वृद्धि की पूर्ति कहां से होगी. कुछ ने तो अपने यहां के सामान के रेट ही बढ़ाने शुरू कर दिए हैं. महंगा आटा और महंगी गैस के कारण ही बाजार में रोटी खरीदना महंगा सौदा साबित हो रहा है.

राजेश गुप्ता, गांधी नगर

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