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आगरा: आगरा के गैंग ने सहारनपुर में आईसीआईसीआई बैंक को चार करोड़ से अधिक का चूना लगाया था. फर्जी कागजों पर लोन लिया गया था. सहानपुर में दर्ज मुकदमे में कार्रवाई के लिए एसटीएफ नोएडा यूनिट को लगाया गया था. एसटीएफ नोएडा यूनिट और सहानपुर पुलिस की संयुक्त टीम ने आगरा में कई जगह छापेमारी की. तीन आरोपियों को पकड़ा. तीनों आगरा के निवासी हैं. पुलिस उन्हें अपने साथ सहारनपुर ले गई. सरगना अरुण पाराशर है. उसे एसटीएफ ने पूर्व में हरीपर्वत थाने से जेल भेजा था.
नोएडा एसटीएफ यूनिट के अनुसार आईसीआईसीआई बैंक में फर्जी कागज लगाकर करोड़ों रुपये का लोन लिया गया था. मामले की जांच नोएडा एसटीएफ को दी गई थी. अपर पुलिस अधीक्षक राजकुमार मिश्रा, पुलिस उपाधीक्षक नवेन्दु कुमार के साथ एसआई अक्षय पीके त्यागी के नेतृत्व में टीम बनाई गई. रात आगरा में रुनकता पुल के पास से आरोपियों को पकड़ा गया. गिरफ्तार सरगना अरुण पाराशर है. एमबीए पास है. वर्ष 2005 से 2014 के बीच पर्सनल लोन कराने वाली विभिन्न कंपनियों एवं जीवन बीमा कराने वाली सनलाइट एसोसिएट, आईआईएचसी कंपनी, भारतीय एक्सा जीवन बीमा कंपनी और बिरला सनलाइट कंपनी में काम कर चुका है. वर्ष 2014 लोन के लिए एजेंट के तौर पर काम करने लगा. लॉकडाउन के बाद संजय पैलेस में फोटोशॉप का काम करने वाले संदीप ने उसे आईसीआईसीआई बैंक के टीम लीडर से मिलवाया. उनके साथ मिलकर फर्जी दस्तावेजों लोन का काम करने लगा. उसे पूर्व में एसटीएफ आगरा यूनिट ने पकड़ा था. जेल से बाहर आने के बाद शुभम तिवारी और अभिषेक शर्मा के साथ मिलकर फिर उसी काम को करने लगा. उसका संपर्क मुनीर आलम से हुआ. वह सहारनपुर की आईसीआईसीआई बैंक में टीम लीडर था. मुनीर आलम के साथ मिलकर 5 फर्जी दस्तावेजों पर 4.60 करोड़ रुपये का लोन लिया था.
इनको पकड़ा गया
● अभिषेक शर्मा निवासी 35 माधव एंक्लेव कॉलोनी, ककरैठा, सिकंदरा.
● शुभम तिवारी निवासी कृष्णा कालोनी, जीवनी मंडी.
● अरुण पाराशर निवासी नगला अजीता, सेक्टर-8, आवास विकास कालोनी.
कार और दस्तावेज मिले
● आरोपियों के पास से एक कार, 4 मोबाइल, लोन लेने में प्रयुक्त 6 आधार कार्ड बरामद हुए.