उत्तर प्रदेश

Agra: एमजी रोड पर बनेंगे सिंगल पिलर स्टेशन

Admindelhi1
27 Jan 2025 7:04 AM GMT
Agra: एमजी रोड पर बनेंगे सिंगल पिलर स्टेशन
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"एमजी रोड के छह स्टेशन और कॉरिडोर का निर्माण सिंगल पिलर तकनीक से होगा"

आगरा: उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (यूपीएमआरसी) आगरा मेट्रो के दूसरे कॉरिडोर निर्माण में नागपुर की भांति नई तकनीक का इस्तेमाल करने जा रहा है. एमजी रोड के छह स्टेशन और कॉरिडोर का निर्माण सिंगल पिलर तकनीक से होगा. ताकि, स्टेशन निर्माण में ज्यादा स्थान न घिरे. यातायात भी बाधित न हो. भविष्य में एमजी रोड के चौड़ीकरण में स्टेशन के पिलर बाधा उत्पन्न न करें.

बता दें कि यूपीएमआरसी आगरा में 29.4 किलोमीटर लंबे दो कॉरिडोर का मेट्रो नेटवर्क बना रही है. पहला कॉरिडोर ताजमहल पूर्वी गेट से सिकंदरा तक 14 किलोमीटर लंबा है. इसमें सात भूमिगत और छह एलिवेटेड स्टेशन हैं. दूसरा कॉरिडोर आगरा कैंट से कालिंदी बिहार तक 16 किलोमीटर लंबा है, जिसमें 14 स्टेशनों का निर्माण होगा. ये कॉरिडोर एलिवेटेड बनेगा. इस कॉरिडोर में एमजी रोड पर प्रतापपुरा, कलक्ट्रेट, आगरा कॉलेज, हरीपर्वत, संजय प्लेस और एमजी रोड छह स्टेशन बनेंगे. वर्तमान में एमजी रोड पर वाहनों का लोड अधिक है. पूरा रोड कंजस्टेड है. पूरे दिन जाम के हालात रहते हैं. ऐसे में मेट्रो नेटवर्क बनाना चुनौती है. इससे निपटने के लिए यूपीएमआरसी कॉरिडोर का निर्माण सिंगल पिलर तकनीक से कर रही है. रोड को एक साथ ब्लॉक नहीं करेंगे. 200-200 मीटर जगह को कवर करके पिलरों की पाइलिंग होगी. ताकि, यातायात चलता रहे. स्टेशनों का निर्माण भी सिंगल पिलर पर होगा. यहां फतेहाबाद रोड की तरह रोड के दोनों ओर पिलर नहीं खड़े किए जाएंगे. रोड के बीचोंबीच लगने वाले पिलर पर स्टेशन बनेगा. ये देखने में आकर्षक होगा. साथ ही एमजी रोड के भविष्य को सुरक्षित करेगा.

नागपुर व दिल्ली में इस तकनीक के स्टेशन: नागपुर में इस तकनीक से मेट्रो स्टेशन बनाए गए हैं. ये देखने में आकर्षक तो हैं ही, मजबूत भी अधिक हैं. इसी को देखते हुए दिल्ली मेट्रो के फेज-4 के अधिकांश एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन सिंगल पिलर तकनीक पर बनाए हैं. इस तकनीक में सड़क के बीचोंबीच थोड़ी-थोड़ी दूरी पर एक-एक पिलर खड़ा करके उनके ऊपर स्टेशन का ढांचा बनाया है. सिंगल पिलर तकनीक से केवल 21 मीटर चौड़ी जगह में स्टेशन बन गए हैं. दिल्ली में इस तकनीक के तहत पाइल, पाइल कैप, साइड आर्म, पाई गर्डर, सेंट्रल आर्म, यू गर्डर, डैक स्लैब आदि को भी कास्टिंग यार्ड में तैयार किया था. फिर, उन्हें सीधे साइट पर लाकर स्टेशन स्ट्रक्चर में लगा दिया. इससे कंस्ट्रक्शन साइट पर ट्रैफिक कंजेशन कम करने में काफी मदद मिली थी.

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