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Agra: रेल यात्रियों को परोस रहे सड़े हुए आलू के पकौड़े-समोसे
आगरा: कैंट आगरा रेलवे स्टेशन एवं ट्रेन में मिलने वाले खाद्य पदार्थ आपको बीमार कर सकते हैं. यहां स्टॉल आदि पर मिलने वाला भोजन सड़े गले आलुओें से गंदगी में तैयार किए जा रहा है. इसे खाकर किसी भी यात्री का हाजमा बिगड़ सकता है. छावनी परिषद की छापेमारी के दौरान यह खुलासा हुआ है.
छावनी परिषद की टीम ने मकान संख्या 370 काछीपुरा में रेल स्टेशन एवं वेंडरों को खाना मुहैया कराने वाली कमसम फर्म द्वारा संचालित किचन का औचक निरीक्षण किया. शिकायत थी कि यहां सड़े गले आलुओं के साथ एक्सपायरी चीजों से भोजन तैयार किया जा रहा है. टीम को धरातल पर कुछ ऐसा ही मिला. सड़े-गले आलुओं से समोसे, ब्रेड पकौड़ा आदि बनाए जा रहे थे. कई आलुओं में कीड़े लगे थे. पूरे परिसर में गंदगी का अंबार था. कर्मचारियों के नाखून बढ़े हुए थे. ग्लब्स और कैप तो छोड़िए कारीगर चप्पल पहनकर अंडरवेयर में कार्य कर रहे थे. टीम ने तत्काल प्रभाव से कार्रवाई कर किचन को बंद करने के निर्देश दिए. देर शाम तक टीम ने रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को सौंप दी है. कार्रवाई की तैयारी है. इस दौरान एसआई मनीष कुमार, राजस्व अधीक्षक विवेक शर्मा, एसआई देवेंद्र कुमार आदि रहे.
टीम देखकर बौखला गया किचन संचालक
रेल यात्रियों के स्वास्थ्य से खुलेआम खिलवाड़ करने वाला किचन संचालक छावनी परिषद की कार्रवाई से बौखला गया है. यहां निर्मित खाने की गुणवत्ता पर लंबे समय से सवाल उठ रहे थे. जिसकी कई बार लिखित में छावनी परिषद से शिकायतें की गई हैं. अब जाकर कार्रवाई हुई है.
अफसरों के संरक्षण से हौसले बुलंद
रेलवे को खाना तैयार करके देने वाली ये कोई मात्र किचन नहीं है. ऐसी स्थिति रेलवे द्वारा अधिकृत कई और किचनों की है. बावजूद इसके रेलवे अधिकारियों पर इतना समय तक नहीं है कि महीने में खाना बनाने वाले स्थान एवं गुणवत्ता को परख लें. जिससे संचालकों के हौसले बुलंद हैं.
बच्चों से बनवा रहे थे खाना
रेल यात्रियों के स्वास्थ्य के खिलवाड़ के साथ-साथ यहां लेबर डिपार्टमेंट के नियमों की भी खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही थीं. किचन में बच्चे कार्य कर रहे थे. जिनके आधे तन पर कपड़े थे. पैरों में चप्पल थीं. जो खाद्य पदार्थ बना रहे थे.
शिकायत के आधार पर विभाग द्वारा क्षेत्र में संचालित किचन का निरीक्षण किया गया. मौके पर कई प्रकार की खामियां मिलीं. रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंप दी है. - विवेक शर्मा, राजस्व अधीक्षक