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- Agra: लूट की घटना...
आगरा: लुटेरे अप्रैल माह में महिला के सुहाग की निशानी लूट ले गए. पीड़ित परिवार पुलिस चौकी के चक्कर काटता रहा. मामले की शिकायत जब पुलिस कमिश्नर तक पहुंची तो उनके आदेश पर में मुकदमा लिखा गया. घटना दबाने का प्रयास करते रहे चौकी इंचार्ज अजय जायसवाल को पुलिस कमिश्नर ने निलंबित कर दिया.
गांव बलरई (इटावा) के प्रधान मनीष मानवेंद्र सिंह का परिवार आवास विकास कॉलोनी सेक्टर पांच में रहता है. 11 अप्रैल को पत्नी विनीता के साथ लूट की वारदात हुई थी. घटना की शिकायत शास्त्रत्त्ीपुरम पुलिस चौकी में की गई. तब शास्त्रत्त्ीपुरम चौकी के प्रभारी अजय जायसवाल थे जोकि वर्तमान में संजय प्लेस चौकी प्रभारी थे. वह घटना को दबाते रहे. घटना की पुलिस आयुक्त से शिकायत पर 100 दिन बाद इसी माह मुकदमा लिखा गया. इससे इतना तो साफ है कि पुलिस मुकदमा ही नहीं लिखना चाहती थी. पुलिस ने यह मान लिया था पीड़ित चक्कर काटकर थक जाएगा तो खुद ही घर बैठ जाएगा. मामले में चौकी प्रभारी की घोर लापरवाही उजागर होने पर पुलिस कमिश्नर ने निलंबन की कार्रवाई से इस तरह की लापरवाही पर कुछ हद तक अंकुश लगेगा.
सीसीटीवी में कैद थी लूट की पूरी वारदात: पीड़ित ने बताया कि घटना सीसीटीवी में कैद थी. पुलिस ने फुटेज देखे थे. उन्हें नहीं लेने दिए. अब तो लंबा समय बीत गया. किसी भी कैमरे में रिकार्डिंग नहीं मिलेगी. डिलीट हो चुकी हैं. ऐसे में पुलिस बदमाशों को कैसे पकड़ेगी. दरोगा की वजह से सिर्फ मुकदमे में ही देरी नहीं हुई बल्कि बदमाश भी हाथ से निकल गए. पुलिस आयुक्त चाहते हैं कि एफआईआर की प्रति पुलिस पीड़ित के घर देकर आए. यह तभी संभव है जब मुकदमे लिख जाएंगे.