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Agra: नगर निगम प्रवर्तन दल ने कोयला संचालित भट्ठी ध्वस्त कराई
आगरा: नगर निगम प्रवर्तन दल ने मदिया कटरा में ढाबे पर कोयला संचालित भह्वी पाए जाने पर उसे ध्वस्त कर दिया. ढाबा संचालक टीकम सिंह पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया.
ढाबे पर कोयले की भह्वी का उपयोग कर वायु प्रदूषण करने के साथ ही एनजीटी के आदेशों की अवहेलना की जा रही थी. नगर निगम के प्रवर्तन दल की टीम ने एसएफआई रमेश चंद सैनी और प्रभारी अतिक्रमण कर्नल राहुल के नेतृत्व में कार्रवाई की. मौके पर ही ढाबा संचालक से पच्चीस हजार रुपये का जुर्माना भी वसूला गया.
कोयला जलाने से ये होता है नुकसान कोयला जलाने से निकलने वाली कार्बन मोनो ऑक्साइड, सल्फरडाई ऑक्साइड, कार्बन डाईऑक्साइड और नाइट्रोजन डाईऑक्साइड गैसें स्वास्थ्य पर घातक असर डालती हैं. जहरीला पारा निकलता है जो नदियों और नालों में बहता है. यही फिर हमारी खाद्य शृंखला में शामिल हो जाता है. दूषित मछली आदि खाने से ये हमारे शरीर में पहुंच जाता है. पारा एक न्यूरोटाक्सिन है जो हमारे तंत्रिका तंत्र और मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाता है.
एनजीटी ने लगा रखी है कोयले की भट्ठी जलाने पर रोक: आगरा और आसपास के क्षेत्रों में कोयले से होने वाले वायु प्रदूषण के मद्देनजर राष्ट्रीय हरित अधिकारण औद्योगिक इकाइयों में कोयले के उपयोग को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया हुआ है. नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने का प्रावधान किया है. होटल, रेस्टारेंट, ढाबा और पेठा जैसी औद्योगिक इकाइयों में कोयले के उपयोग का मुद्दा उठाया जाता रहा है.
नगर निगम एनजीटी के आदेशों का पालन कराने के लिए प्रतिबद्ध है. अगर किसी औद्योगिक इकाई में कोयला का उपयोग होता पाया जाएगा तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी. अंकित खंडेलवाल, नगर आयुक्त