उत्तर प्रदेश

Agra: प्राधिकरण ने नालंदा टाउन सहित करीब 60 कालोनियों के सीवर निस्तारण के लिए उपाय शुरू किये

Admindelhi1
3 Jun 2024 4:31 AM GMT
Agra: प्राधिकरण ने नालंदा टाउन सहित करीब 60 कालोनियों के सीवर निस्तारण के लिए उपाय शुरू किये
x
60 कालोनियों के सीवर निस्तारण के लिए शुरू हो गई कसरत

आगरा: शमसाबाद रोड पर नालंदा टाउन सहित करीब 60 कालोनियों के सीवर निस्तारण के लिए प्राधिकरण ने से उपाय शुरू कर दिए हैं. वहां सीवर लाइन बिछाने की योजना पर काम किया जा रहा है. इसके सबसे नजदीक 78 एमएलडी धांधूपुरा सीवर ट्रीटमेंट प्लांट है, यहां तक सीवर लाइन बिछाने की जरूरत होगी. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने हाल में ही आगरा विकास प्राधिकरण पर दस लाख रुपये जुर्माना लगाते हुए सीवर निस्तारण की कार्ययोजना प्रस्तुत करने का आदेश दिया है.

शमसाबाद रोड स्थित नालंदा टाउन का सीवेज खुले में बहाए जाने पर एनजीटी ने देवांशु बोस की याचिका पर एडीए पर लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. इसे एडीए ने जमा करा दिया था. देवांशु बोस ने नालंदा टाउन के अलावा नगला कली और रजरई की 60 कालोनियों की सूची भी एनजीटी में पेश की थी. एनजीटी ने इसके बाद एडीए पर दो करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. दो करोड़ रुपये के जुर्माने से राहत पाने को एडीए ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका पर न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की बेंच ने तीन को सुनवाई की थी.

कोर्ट ने एडीए को किसी तरह की राहत देने से इन्कार करते हुए दो सप्ताह में 10 लाख रुपये जमा कराने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को वहां का निरीक्षण कर चार सप्ताह में फोटो सहित शपथ पत्र जमा करने के निर्देश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के पालन के लिए विकास प्राधिकरण के मुख्य अभियंता के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई जाएगी. जिसमें नगर नियोजक, एडीए निर्माण विभाग के इंजीनियर, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी और जल निगम के अधिकारियों को शामिल किया जाएगा.

कमेटी कार्य योजना तैयार करेगी. हालांकि कमेटी को अभी अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है लेकिन विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने काम शुरू कर दिया है.

विकास प्राधिकरण के मुख्य अभियंता के साथ अन्य अधिकारियों ने क्षेत्र का मौका मुआयना भी किया था. अधिकारियों ने सीवर निस्तारण के लिए पाइप लाइन, सीवर निस्तारण और सीवेज पंपिंग स्टेशन आदि के विकल्पों पर विचार किया जा रहा है.

Next Story