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आगरा: ताजनगरी में साफ हवाओं के लिए लांच किया गया एयर एक्शन प्लान हवा में उड़ गया है. शहर अब बारहमासी प्रदूषण की चपेट में है. दिवाली से पहले से लेकर अब तक बदतर हालात चल रहे हैं. लोग बीमार होने लगे हैं, डाक्टरों के पास प्रदूषण जनित बीमारियों के मरीजों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है.
केंद्र सरकार ने देश भर में बड़ी धमक के साथ एयर एक्शन प्लान लांच किया था. एक जून 2019 को लांच किए गए प्लान में पांच सालों में 60 माइक्रोग्राम पर मीटर से अधिक वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) वाले 102 शहरों को शामिल किया गया था. कई विभागों पर प्लान को कार्यान्वित करने की जिम्मेदारी डाली गई थी. इनमें प्रमुख रूप से नगर निगम, एडीए, परिवहन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उद्यान, वन विभाग, पुलिस, यातायात पुलिस, सिंचाई विभाग जैसे 38 महत्वपूर्ण विभाग शामिल किए गए थे. सभी को उनके विभाग के मुताबिक कार्य दिए गए थे. न्यूनतम 30 से लेकर अधिकतम 208 दिनों में इन कार्यों को धरातल पर करना था. अब पांच साल हो चुके हैं, हवाएं लगातार खराब हैं, सभी विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं. लंबे समय तक खराब हवाओं के बीच रहने से अब लोगों की सेहत पर इसका बुरा असर पड़ने लगा है. लोग आंख, गले और सांस संबंधी रोगों की चपेट में आ रहे हैं. सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों तक में इस तरह के मरीजों में भारी बढ़ोत्तरी हुई है.
सभी इलाके खराब हवाओं की चपेट में: ताजनगरी में सभी इलाके दोबारा खराब हवाओं की चपेट में हैं. दयालबाग का हरा-भरा इलाका हो या शास्त्रत्त्ी पुरम का आवासीय क्षेत्र, हर स्थान पर प्रदूषण बढ़ा है. धूल, कार्बन मोनो आक्साइड की अधिकता से लोग खांस रहे हैं.
संजय प्लेस सर्वाधिक प्रदूषित रहा. यहां एक्यूआई 168, सूक्ष्म कण 317 और धूल कणों की अधिकतम मौजूदगी 257 माइक्रोग्राम पर मीटर पाई गई. दूसरे नंबर पर आवास विकास इलाका प्रदूषित पाया गया. यहां एक्यूआई 140, सूक्ष्म कण 323 और धूल कणों का स्तर 260 एमपीएम रहा. तीसरे पर ताजमहल का करीबी क्षेत्र खराब हवाओं से भरा रहा. यहां एक्यूआई 126, धूल कण 181 एमपीएम पाए गए. जबकि शास्त्रत्त्ी पुरम चौथे नंबर पर सबसे प्रदूषित रहा. यहां एक्यूआई 117, सूक्ष्म कण 110 और धूल कणों की अधिकतम मौजूदगी का स्तर 146 रिकार्ड किया गया. दयालबाग और रोहता में भी हाल ठीक नहीं हैं.