- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- Agra: डायबिटीज के 100...
Agra: डायबिटीज के 100 में से 25 मरीजों को हो जाता डायबिटिक फुट
आगरा: डायबिटीज के मरीज भूलकर भी नंगे पांव चलने की गलती न करें। ऐसा करने पर तलवों के सूख जाने, नसों में खून जमने से लेकर गैंगरीन तक का खतरा है। बीमारी ज्यादा बढ़ी तो पैर काटने तक की नौबत बन जाएगी। देश में करीब 2 लाख लोगों के घाव भर नहीं पा रहे हैं। बीमारी लाइलाज हो गई है।
फतेहाबाद रोड स्थित होटल में एसोसिएशन आफ सर्जन्स आफ इंडिया की पांच दिनी एसीकान-24 के आखिरी दिन फोर्टीस हास्पिटल दिल्ली के डा. अमरपाल सिंह सूरी ने बताया कि डायबिटीज के हर 100 में से 25 मरीजों को डायबिटिक फुट हो रहा है। फोर्टीस में रोज 50 मरीज आ रहे हैं। यह लापरवाही का नतीजा है। शुगर बिगड़ने पर रक्त नलिकाओं में खून जमने लगता है। पैरों में घाव हो जाते हैं। रक्त नलिकाएं फूटने लगती हैं और खून बहने लगता है। यह आसानी से ठीक नहीं होता।
देश में दो लाख मरीज ऐसे हैं जिनके घाव नहीं भर पा रहे। इसका शिकार 40 से 60 साल तक की आयु वाले सर्वाधिक हैं। खास बात यह कि इन मरीजों को जमीन पर नंगे पांव नहीं चलना चाहिए। ऐसा करने पर तलवे सूख जाते हैं, दरारें आ जाती हैं। नसें ब्लाक हो जाती हैं। सुन्नपन हो जाता है। चोट का पता नहीं लगता। गंभीर चोट लगने पर गैंगरीन में बदल जाती है। ऐसे में पैर काटने की नौबत आ जाती है। जान बचाने के लिए घुटने से नीचे और घुटने से ऊपर टांग काटनी पड़ती है।
नया ड्रग साबित हुआ वरदान: अब इस दिक्कत को दूर करने के लिए नया ड्रग एस्मोलोल जैल आ गया है। यह बहुत जल्द घावों को भरता है। साथ में फोम ड्रेसिंग, वैक ड्रेसिंग, साफ्ट जूते, सर्जरी से गंदे टिश्यू निकालकर, स्किन ड्राफ्टिंग और हीलिंग, नसों की बाईपास सर्जरी, स्टंट डालकर यानि मल्टीपल इलाज के जरिए पैर बचाने में कामयाबी मिल रही है।