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- बीस वर्ष बाद हत्यारे...

मीरजापुर। अपर सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायाधीश गैंगेस्टर एक्ट चंद्रशेखर मिश्रा ने मंगलवार को हत्या के आरोपित को दोषित होने पर बीस वर्ष आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अभियोजन के अनुसार वादी मुकदमा संतोष यादव पुत्र गामा यादव निवासी बागादीक्षा सोभी ने लिखित तहरीर दिया था कि उसके चाचा राम यादव की पड़ोसी राजेश यादव पुत्र पहाड़ी से पुरानी रंजिश चली आ रही है। 29 जुलाई 2002 को वादी मुकदमा के चाचा राम यादव मोटरसाइकिल से नानक उपाध्याय के साथ कचहरी से अजहर इमाम वाली गली से होते हुए घर आ रहे थे। वादी मुकदमा और पंचम यादव उनके पीछे दूसरी मोटरसाइकिल से आ रहे थे। जैसे ही वादी मुकदमा के चाचा की गाड़ी अब्दुल राजेश के बन रहे मकान के सामने अजहर इमाम की गली में पहुंची।
वहां पर पहले से मौजूद राजेश यादव पुत्र पहाड़ी यादव, नसीम कुंजड़ा पुत्र जटा कुजड़ा वादी मुकदमा के चाचा को देखते ही अपने हाथ में लिए कट्टा से ललकारते हुए कि आज जिंदा ना बचने पाए मार दो जान से, कहते हुए सामने आ गए। इतने में नानक उपाध्याय गाड़ी छोड़कर भागे तो नसीम ने वादी मुकदमा के चाचा को पकड़ लिया और राजेश यादव ने अपने हाथ में लिए कट्टा से वादी मुकदमा के चाचा के सिर पर गोली मार दिया। वादी मुकदमा की लिखित तहरीर के आधार पर थाना कोतवाली शहर में हत्या का मुकदमा पंजीकृत किया। लिखित तहरीर के आधार पर थाना कोतवाली शहर में हत्या का मुकदमा पंजीकृत किया गया। मामले को साबित करने के लिए सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता उदय प्रताप सिंह ने कुल 10 गवाह न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। पत्रावली में प्रस्तुत साक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने नसीम कुंजड़ा को दोष मुक्त किया और राजेश यादव को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास व 50 हजार के अर्थदंड से दंडित किया।
