उत्तर प्रदेश

प्रशासन ने पैथालॉजी रैकेट के खुलासे के बाद केमेडिकल कॉलेज में सख्ती बरतनी शुरू की

Admindelhi1
16 May 2024 9:06 AM GMT
प्रशासन ने पैथालॉजी रैकेट के खुलासे के बाद केमेडिकल कॉलेज में सख्ती बरतनी शुरू की
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भर्ती मरीज और ओपीडी में आने वाले मरीजों की संपूर्ण जांच अब मेडिकल कॉलेज के पैथोलॉजी में ही करा रहे हैं.

बस्ती: महर्षि वशिष्ठ मेडिकल कॉलेज की चिकित्सा इकाई ओपेक चिकित्सालय कैली में बाहरी पैथालॉजी रैकेट के सक्रिय होने के खुलासे के बाद प्रशासन सख्ती बरतनी शुरू कर दिया है. भर्ती मरीज और ओपीडी में आने वाले मरीजों की संपूर्ण जांच अब मेडिकल कॉलेज के पैथोलॉजी में ही करा रहे हैं. वहीं संदिग्धों पर कड़ी नजर है. साथ ही चिकित्सकों और स्टाफ को ड्रेस कोड का पालन करने के लिए निर्देशित किया गया है. कॉलेज के वार्ड और विभागों में ऐसा नजारा दिखा.

कुछ स्टाफ की मिलीभगत से चल रहे बाहरी पैथालॉजी रैकेट पर प्रशासन ने नकेल कस दिया है. मामले में जांच टीम ने संबंधित पैथालॉजी को न सिर्फ सील कराया, बल्कि पूछताछ के लिए कोतवाली पुलिस साथ लेकर गई. मरीजों और तीमारदारों को बरगला कर सैंपल लेकर बाहर से जांच कराकर रिपोर्ट दे देते थे. सख्ती के बाद अब इस पर विराम लग गया है. मेडिकल कॉलेज प्रशासन की सख्ती से सभी जांच अब ओपेक हॉस्पिटल कैली के पैथोलॉजी से ही करा रहे हैं. जिससे मरीजों को सहूलियत मिल रही है. पहर 12 बजे तक पैथालॉजी में ओपीडी के 124, इमरजेंसी के 34, पीआईसीयू के पांच मरीज के ब्लड सैंपल लिए जा चुके थे. वहीं ओपीडी के 124, इमरजेंसी के 110 सैंपल लिए गए थे. सीएमएस डॉ. एएन प्रसाद ने बताया कि बायोकेमेस्ट्री 2156, हेमेटोलॉजी 4312, क्लीनिकल पैथोलॉजी 100, सेरोलॉजी पैथोलॉजी में 299 प्रकार की जांच की गई है. इमरजेंसी, गयनी वार्ड, सर्जरी वार्ड, मेडिकल वार्ड में संदिग्ध प्राइवेट पैथोलॉजी जहां तरफ अब मरीजों को बहला फुसला कर जांच करवा लिया करते थे, वहीं मेडिकल कॉलेज प्रशासन सभी डिपार्टमेंट में जाने, आने वालों पर कड़ी नजर है. संदिग्धों से गार्ड पूछताछ कर रहे हैं. मरीज का शोषण न होने पाए इसके लिए कैली अस्पताल प्रशासन पूरी तरह तत्पर है. बताया कि इमरजेंसी के सभी स्टाफ को हिदायत देते हुए कहा गया कि इस तरह की बारा सूचना आने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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