उत्तर प्रदेश

अहमद रजा की गिरफ्तारी के बाद से उसके गांव में कोई भी मुंह खोलने को तैयार नहीं

Shreya
7 Aug 2023 5:23 AM GMT
अहमद रजा की गिरफ्तारी के बाद से उसके गांव में कोई भी मुंह खोलने को तैयार नहीं
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मुरादाबाद । हिजबुल मुजाहिद्दीन के संदिग्ध आतंकी मुरादाबाद निवासी अहमद रजा अहमद रजा की गिरफ्तारी के बाद से उसके गांव में कोई भी मुंह खोलने को तैयार नहीं है। अहमद के बारे में पूछने पर उसके गांव के लोग बस एक ही बात कह रहे हैं- भइया यहां कोई कुछ बोलेगा नहीं, अहमद का पिता हिस्ट्रीशीटर दबंग हैं, वह हमें छोड़ेगा नहीं।

सोशल मीडिया के माध्यम से आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन व पाकिस्तान के आतंकी हैंडलर्स के लगातार सम्पर्क में रहने वाले व पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान जाकर आतंकी कमांडो ट्रेनिंग लेकर भारत में 15 अगस्त पर आतंकी घटना कारित करने के मंसूबे बना रहे मुरादाबाद के थाना मूंढापाडे क्षेत्र के पोस्ट कांकरखेड़ा ग्राम मिलक गुलड़िया निवासी संदिग्ध आतंकी अहमद रजा उर्फ शाहरुख उर्फ मोहिउद्दीन को बीते गुरुवार को उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (यूपी एटीएस) की सहारनपुर इकाई ने गिरफ्तार कर लिया था।

ग्राम मिलक गुलड़िया के ग्रामीण अहमद के बारे में कुछ भी बताने को तैयार नहीं हैं। कुछ लोग इस शर्त पर बोलने को तैयार हुए कि हमारा नाम मत लिखना। फिर उन लोगों ने कहा कि एक आदमी के कारण पूरे गांव की बदनामी देशभर में हो रही है। सभी ने कहा कि हमें अंदाजा नहीं था, हमारे गांव का ही युवक इतना बड़ा कुछ कर रहा है। गांव के ही एक युवा का कहना है कि बड़ी हैरत वाली बात है कि अहमद रजा आतंकवादियों के संपर्क में रहा। एटीएस की गिरफ्तारी के बाद अब वह भी अहमद रजा के बारे में संदेह करने लगे हैं। केवल हमारे मिलक गुलड़िया गांव में ही नहीं, आसपास के तमाम गांवों में अहमद रजा की ही चर्चा हो रही है। मैंने अहमद रजा को कभी नहीं देखा लेकिन अब उसके कारनामें जरूर सुन रहे हैं। अहमद रजा के गांव के एक व्यक्ति ने कहा कि भइया यहां कोई कुछ बोलेगा नहीं, अहमद का पिता मूंढापांडे थाने का हिस्ट्रीशीटर दबंग है। कोई अहमद के बारे में बताकर बेवजह का झगड़ा क्यों मोल लेगा।

25 साल प्रधान रहे अहमद रजा के बाबा लियाकत

संदिग्ध आतंकी अहमद रजा के घर परिवार वालों से बातचीत के दौरान खपरैल की मिलक गांव के बुजुर्ग भूरा आ गए। पूछने पर बताया कि फिरासत के पिता लियाकत उनके मामा थे। लियाकत मिलक गुड़लिया गांव के 25 साल प्रधान रहे। भूरा ने कहा, लियाकत का पूरे क्षेत्र में बड़ा नाम था। इनके चार बेटे थे। इनमें तीन जीवित हैं। भूरा ने कहा कि उन्हें अहमद रजा के बारे में पता चला तो बड़ा दुख हुआ कि क्या लियाकत का पोता देश विरोधी गतिविधि में शामिल हो गया।

संदिग्ध आतंकी अहमद रजा के पिता फिरासत हुसैन को पूछताछ के बाद छोड़ा :

हिजबुल मुजाहिदीन के संदिग्ध आतंकी अहमद रजा उर्फ शाहरुख उर्फ मोहिउद्दीन के पिता फिरासत हुसैन को पूछताछ के बाद शनिवार को छोड़ दिया। सूत्रों का दावा है कि एटीएस ने अभी फिरासत हुसैन को क्लीनचिट नहीं दी है। जरूरत पड़ने पर दोबारा पूछताछ की जा सकती है। इसके अलावा टीम ने परिवार के सदस्यों के मोबाइल लौटा दिए हैं। एटीएस ने अहमद रजा के कमरे से तमाम संदिग्ध सामान और मोबाइल फोन जब्त कर लिए थे। उसके पिता और बहन के मोबाइल फोन समेत घर से कुछ कागजात और रसीदें कब्जे में ली थीं। इसके अलावा फिरासत को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। पुलिस ने पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया है। इसके अलावा टीम ने अहमद रजा के पिता, बहन के मोबाइल वापस कर दिए हैं।

10 साल से घर से दूर रह रहा था अहमद रजा, पिता ने बेटे-बहू को कर दिया था बेदखल :

संदिग्ध आतंकी अहमद रजा के घर में मां गड्डो, चाची अमीर जहां, दो बहनें सलमा व उजमा मिलीं। मां गड्डो ने बताया कि बेटा अहमद रजा जब छोटा था तब से ही वह घर पर कम रहता था। करीब 10 साल पहले से वह घर से दूर रह रहा था। उसकी गतिविधियों के लेकर उसके पिता फिरासत नाराज रहते थे। वर्ष 2019 में बरेली में अपनी पसंद की महिला आसमा उर्फ खतीजा से निकाह कर लिया था। उस महिला के पहले से दो बच्चे थे। ये आसमा मध्य प्रदेश के रतलाम की निवासी है। निकाह होने की जानकारी घर वालों को बाद में लगी। फिर यह भी पता चला कि पहले पति से बहू आसमा के दो बच्चे भी हैं, जिन्हें छोड़कर आसमा ने अहमद रजा से निकाह कर लिया। यह सब मालूम हुआ तो अहमद के पिता फिरासत हुसैन काफी नाराज हुए। तीनों बहनें भी नाराज हुईं। गड्डों ने यह भी बताया कि आसमा उर्फ खतीजा का चाल-चलन ठीक नहीं था, पति-पत्नी दोनों में झगड़ा होता था। ऐसे में फिरासत हुसैन ने बेटे अहमद रजा व बहू खतीजा दोनों को चल-अचल संपत्ति व परिवार से बेदखल कर दिया था। ये बेदखली उसने अखबार में भी छपाकर सार्वजनिक की थी। आतंक के आरोपी अहमद रजा की मां ने बताया कि बेदखली के बाद से तीन साल से उनका बेटा रजा और उसकी पत्नी घर से दूर चले गए थे। ये लोग कहां थे, यह भी घर वालों को नहीं पता है।

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